एंबुलेंस का पेट्रोल खत्म होने से बीच रास्ते में तड़प-तड़पकर मरीज की मौत, CMHO बोले- ये एजेंसी की जिम्मेदारी

एंबुलेंस की बीच रास्ते में ही पेट्रोल खत्म हो गया और मरीज की रास्ते में ही मौत हो गई! Udaipur Ambulance Video

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  • Publish Date - November 26, 2022 / 02:17 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

बांसवाड़ा: Udaipur Ambulance Video राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की खस्ता हालत की पोल आज खुलकर सामने आ गई है। दरअसल एक मरीज को अस्पताल ले जा रहे एंबुलेंस की बीच रास्ते में ही पेट्रोल खत्म हो गया और मरीज की रास्ते में ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पेट्रोल खत्म होने के बाद मरीज के परिजन भी एंबुलेंस को करीब 1 किलो मीटर तक धक्का देते रहे, लेकिन मरीज को नहीं बचाया जा सका। हालांकि दूसरी एंबुलेंस तत्काल बुलाई गई लेकिन उसे पहुंचने में 40 मिनट लग गए।

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Udaipur Ambulance Video मिली जानकारी के अनुसार घटना बांसवाड़ा जिले के दानापुर का है। यह घटना गुरुवार की है लेकिन जब इसका वीडियो वायरल हुआ तब घटना का खुलासा हुआ। अब चिकित्सा महकमा एम्बुलेंस का ठेका लेने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहा है। बताया गया कि एम्बुलेंस में प्रतापगढ़ जिले के सूरजपुरा निवासी तेजिया गणावा (40) को लाया जा रहा था। जो अपनी बेटी के ससुराल भानुपरा (बांसवाड़ा) आए थे। जहां तेजपाल की खेत में अचानक गिरने से तबियत खराब हो गई थी।

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पिता की तबियत खराब होने की जानकारी बेटी ने अपने पति मुकेश मइडा को दी थी। जिस पर उसने एम्बुलेंस 108 पर सूचना दी थी। इस बीच बेटी अपने पिता को लेकर तेजपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले गई, जहां ईसीजी मशीन नहीं होने पर उन्हें छोटी सरवन के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भेजा। इस बीच मुकेश मइडा जो बांसवाड़ा में किराए का कमरा लेकर नीट की तैयारी कर रहा था वह बाइक से गांव आया और उसने अपने ससुर को सीधे जिला अस्पताल ले जाने की तैयारी की।

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सूचना से सवा घंटे देरी से पहुंची एम्बुलेंस से पिता को जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रतलाम रोड पर टोल के आगे पहुंचते ही एम्बुलेंस का डीजल खत्म हो गया। एम्बुलेंस के पायलट ने पांच सौ रुपए देकर मरीज के रिश्तेदार को डीजल लेने भेजा लेकिन डीजल लेकर आने में समय लग गया।

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इस बीच मरीज के परिजन एम्बुलेंस को एक किलोमीटर तक धक्का लेकर चलाते रहे। जब वह थककर चूर हो गए तो उन्होंने एम्बुलेंस चालक काके दूसरी एंबुलेंस मंगाने की गुहार की। तब एंबुलेंस चालक ने दूसरे चालक को फोन कर दूसरी एंबुलेंस बुलाई लेकिन उसे आने में चालीस मिनट लग गए और मरीज ने तड़पते हुए दम तोड़ दिया। हालांकि मरीज को जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों मरीज को मृत घोषित कर दिया।

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मामले में CMHO हीरालाल ताबियार ने कहा है कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है। 108 एंबुलेंसों को एक निजी एजेंसी द्वारा संचालित किया जाता है, एजेंसी राज्य सरकार द्वारा अधिकृत है और कंपनी के ऊपर एंबुलेंस के रखरखाव का ज़िम्मा होता है। कहां लापरवाही रही है यह जांच के बाद सामने आएगा।

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राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने मामले को लेकर कहा कि अगर एंबुलेंस में पेट्रोल खत्म हो गया और मरीज़ की मृत्यु हो गई है तो यह व्यवस्था की असफलता नहीं है बल्कि प्रबंधन की असफलता है। जो भी व्यक्ति इसके ख़िलाफ ज़िम्मेदार हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

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