नई दिल्ली : UIDAI canceled millions of Aadhar cards : आज के समय में देश का नागरिक होने का प्रमाण देने के लिए सबसे जरुरी डॉक्यूमेंट है आधार कार्ड। सरकारी योजनाओं से लेकर नौकरी और यात्रा के समय भी आधार कार्ड की मांग की जाती है। जबसे देशवासियों के लिए आधार को अनिवार्य किया गया है तबसे डुप्लिकेट आधार बनाए जाने के मामले भी बढ़ गए हैं। अब ऐसे मामलों पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इसके तहत 6 लाख नकली आधार कार्ड रद्द किए गए हैं।
UIDAI canceled millions of Aadhar cards : डुप्लिकेट या नकली आधार कार्ड बनाने वाले देश में किस कदर सक्रिय हैं इसका अंदाजा UIDAI द्वारा रद्द किए गए आधार कार्ड की संख्या देखकर लगाया जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक सवाल के जवाब में संसद में बताया कि अब तक UIDAI ने 598,999 से ज्यादा डुप्लिकेट आधार कार्ड रद्द किए हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई लगातार जारी है।
UIDAI canceled millions of Aadhar cards : डिजिटलीकरण के इस दौर में डुप्लीकेट प्रमाणपत्रों का कारोबार करने वाले अपनी जेबें भर रहे थे। बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र और राज्य स्तर पर फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों पर बड़ा एक्शन लिया गया। इस कार्रवाई के तहत आधार कार्ड से जुड़ी सर्विस का दावा करने वाली करीब एक दर्जन फर्जी वेबसाइटों को UIDAI ने नोटिस भी भेजा है और उन्हें चेतावनी देते हुए किसी भी तरह की सेवा देने पर रोक लगा दी गई है।
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UIDAI canceled millions of Aadhar cards : राज्यमंत्री चंद्रशेखर ने एक बयान में कहा कि नकली आधार कार्ड बनाने के मामले को गंभीरता से लिया गया है और इस पर लगाम लगाने के लिए कई जरूरी कदम उठाए गए हैं। इसते तहत आधार कार्ड में एक एक्स्ट्रा वेरिफिकेशन फीचर एड किया गया है। इसमें आधार वेरिफिकेशन के लिए जल्द व्यक्ति के चेहरे का इस्तेमाल होगा। अब तक वेरिफिकेशन के लिए फिंगरप्रिंट और आंखों का स्कैन लिया जाता था।
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UIDAI canceled millions of Aadhar cards : चंद्रशेखर ने लोकसभा में आधार कार्ड से जुड़ीं सेवाएं देने वाली फर्जी वेबसाइटों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में इस कार्रवाई के बारे में जानकारी साझा की है। फेस रेकिग्नेशन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को आधार के अलावा पेंशन वेरिफिकेशन के लिए भी लागू किया गया है। अब तक करीब एक लाख पेंशनहोल्डर्स को इस टेक्नॉलोजी से वेरिफाइड किया गया हैं।
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