वकील ने अदालत को बताया, उमर खालिद को आरोपी बनाया गया जबकि अन्य को छोड़ दिया गया

वकील ने अदालत को बताया, उमर खालिद को आरोपी बनाया गया जबकि अन्य को छोड़ दिया गया

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  • Publish Date - October 9, 2025 / 10:03 PM IST,
    Updated On - October 9, 2025 / 10:03 PM IST

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद के वकील ने बृहस्पतिवार को एक अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित साजिश में आरोपी के रूप में नामजद किया गया, जबकि इसी तरह के अन्य लोगों को छोड़ दिया गया।

खालिद के खिलाफ आरोप तय करने का विरोध करते हुए दलीलों के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी के समक्ष ये दलीलें दी गईं। खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पाइस ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को चार व्हाट्सएप ग्रुप का सदस्य होने के आधार पर आरोपी बनाया गया, जबकि किसी भी ग्रुप एडमिन पर आरोप नहीं लगाया गया।

उन्होंने कहा, ‘(दिल्ली) उच्च न्यायालय पहले ही यह व्यवस्था दे चुका है कि व्हाट्सएप ग्रुप का सदस्य बनने मात्र से आप आरोपी नहीं बन सकते। कोई भी एडमिन आरोपी नहीं है। मुझमें (खालिद) और ग्रुप पर संदेश भेजने वाले अन्य आरोपियों में अंतर क्या है?’

पाइस ने कहा कि एक गवाह के बयान के अनुसार, दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप (डीपीएसजी) व्हाट्सएप ग्रुप कथित साजिश का प्रारंभिक बिंदु था, लेकिन ग्रुप बनाने वाले दो लोगों को आरोपी नहीं बनाया गया।

खालिद के वकील ने कई गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम या भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत किसी भी अपराध का खुलासा नहीं किया है।

एक बयान का हवाला देते हुए, पाइस ने कहा कि खालिद पर आठ दिसंबर, 2019 को जंगपुरा में एक बैठक में भाग लेने का आरोप है, जहां 2020 के दिल्ली दंगों के संबंध में एक साजिश पर चर्चा की गई थी।

वकील ने कहा कि अगर यह वही साजिश है जिसका आरोप उनके मुवक्किल पर लगाया गया, तो बैठक में शामिल बाकी लोगों को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? उन्होंने कहा कि खालिद को आरोपी बनाया गया, जबकि अन्य को नहीं।

मुस्लिम छात्रों के साथ मिलकर देश भर में प्रदर्शन करने के संबंध में खालिद के एक बयान का हवाला देते वरिष्ठ अधिवक्ता ने सवाल किया कि यह आतंकवाद कैसे हो सकता है। खालिद के वकील ने दलील दी, ‘आप उनकी भूमिका को दूसरों से ऊंचा या नीचा कैसे बता सकते हैं?’

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को निर्धारित की है।

खालिद को इस मामले में 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। कार्यकर्ता शरजील इमाम, खालिद सैफी और आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन सहित 20 लोगों पर दंगे भड़काने की बड़ी साजिश में कथित संलिप्तता के लिए मामला दर्ज किया गया।

भाषा आशीष माधव

माधव