नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद के वकील ने बुधवार को यहां एक अदालत को बताया कि उनका मुवक्किल उस कथित बैठक में मौजूद नहीं था, जिसमें 2020 के दिल्ली दंगों की कथित तौर पर साजिश रची गई थी।
वकील ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर वाजपेयी के समक्ष खालिद के खिलाफ आरोप तय करने का विरोध करते हुए ये दलीलें दीं।
वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने कहा कि खालिद उस बैठक में मौजूद नहीं थे जहां कथित तौर पर साजिश रची गई। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कॉल विवरण रिकॉर्ड (सीडीआर) इस दावे की पुष्टि करते हैं।
इससे पहले, एक गवाह ने आरोप लगाया था कि खालिद और अन्य आरोपियों ने बैठक में साजिश रची थी। वकील ने दावा किया कि खालिद के पास से कोई सामग्री बरामद नहीं हुई, न ही उनके खिलाफ कथित बड़ी साजिश के लिए धन जुटाने या प्राप्त करने का कोई आरोप है।
पिछले महीने, खालिद के वकील ने कहा था कि उनके मुवक्किल ने उस प्राथमिकी के तहत पांच साल हिरासत में बिताए, जिसमें ‘कानून का पालन नहीं किया गया।
मामले में बहस बृहस्पतिवार को जारी रहेगी।
खालिद को इस मामले में 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।
दंगे भड़काने की साजिश में कथित संलिप्तता के आरोप में कार्यकर्ता शरजील इमाम, खालिद सैफी और आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन समेत 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही है।
भाषा आशीष नरेश
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