केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने मीराबाई पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगी

केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने मीराबाई पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगी

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  • Publish Date - December 27, 2024 / 06:07 PM IST,
    Updated On - December 27, 2024 / 06:07 PM IST

जयपुर, 27 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संत कवि मीराबाई के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आलोचना होने के बाद माफी मांगी है।

बृहस्पतिवार को जारी एक वीडियो बयान में मेघवाल ने कहा कि वह मीराबाई का बहुत सम्मान करते हैं और यदि उनके शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है तो वह खेद व्यक्त करते हैं तथा क्षमा मांगते हैं।

खासकर राजपूत समुदाय ने मेघवाल की टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए माफी की मांग की थी।

मेघवाल ने वीडियो बयान में कहा, ‘साधना के शिखर पर विराजमान भक्त शिरोमणि मां मीरा के प्रति मेरे मन में अगाध श्रद्धा एवं आस्था है। मेरे किन्हीं शब्दों से मां मीरा के प्रति भक्ति व श्रद्धा भाव रखने वाले श्रद्धालुओं के मन को किसी भी प्रकार से ठेस पहुंची है तो खेद व्यक्त करते हुए माफी मांगता हूं।”

मंत्री ने कहा कि वह खुद मीराबाई के भजन गाते हैं और उनका अपमान कभी नहीं कर सकते क्योंकि वह उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं।

इससे पहले सोमवार को सीकर के पिपराली में श्री श्याम गोशाला में एक कार्यक्रम के दौरान मेघवाल ने कहा था, ‘मीरा का जन्म मेड़ता में हुआ था और उनका विवाह चित्तौड़गढ़ में हुआ था। हम सब इतिहास में पढ़ते हैं कि मीरा के पति ने उनको तंग किया। ऐसा नहीं है… मीरा के पति विवाह के बाद एक साल जिंदा रहे। मीरा के पति की मृत्यु होने के बाद उनके देवर शासक बने। उन्होंने मीरा से कहा कि मुझसे शादी कर लो, तो यहां से झगड़ा शुरू हुआ। उन्हें तंग करने वाला उनका देवर था।’

उन्‍होंने कहा, “इतिहास में कुछ चीजें अलग तरीके से लिखी होती हैं।”

कई लोगों ने उनकी इस टिप्पणी की सोशल मीडिया पर आलोचना की। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने टिप्पणी को अपमानजनक बताया।

सौलहवीं शताब्दी की रहस्यवादी कवि और कृष्ण की अनन्य भक्त मीराबाई का जन्म 1498 ई. में मेड़ता के शासक राव रतन सिंह के घर ‘कुरकी’ गांव में हुआ था। ऐतिहासिक विवरणों के अनुसार, मीराबाई का व‍िवाह 1516 ई. में भोजराज से हुआ, जो मेवाड़ के महाराणा सांगा के सबसे बड़े पुत्र थे।

भोजराज की अचानक मृत्यु के बाद मीराबाई का सांसारिक जीवन से लगाव कम हो गया और वह संतों की भक्ति और सेवा में लग गईं। मीराबाई के सम्मान में, राजस्थान सरकार ने मेड़ता में राव दूदा गढ़ (किला) का संरक्षण किया है और 2008 में किले में मीराबाई ‘पैनोरमा’ का निर्माण किया है। पैनोरमा में मूर्तियां, लघुचित्र और शिलालेख हैं जो कवि-संत के जीवन से प्रेरणादायक घटनाओं और महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाते हैं। भाषा पृथ्वी जोहेब

जोहेब