मथुरा-कोटा खंड के 324 किलोमीटर पर कवच का उन्नत संस्करण उपयोग के लिए तैयार: वैष्णव

मथुरा-कोटा खंड के 324 किलोमीटर पर कवच का उन्नत संस्करण उपयोग के लिए तैयार: वैष्णव

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  • Publish Date - July 30, 2025 / 07:48 PM IST,
    Updated On - July 30, 2025 / 07:48 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि एक स्वतंत्र सुरक्षा मूल्यांकनकर्ता ने मथुरा-कोटा खंड के 324 किलोमीटर पर सुरक्षा प्रणाली ‘कवच 4.0’ के उन्नत संस्करण का अनुमोदन कर दिया है और यह उपयोग के लिए तैयार है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि स्वचालित ट्रेन-सुरक्षा प्रणाली चरणबद्ध तरीके से प्रदान की जा रही है और इसे दक्षिण मध्य रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे में 1,548 किलोमीटर मार्ग पर पहले ही तैनात किया जा चुका है।

उनसे भारतीय रेलवे में 30 जून तक कवच की स्थापना की स्थिति पर अद्यतन जानकारी देने की मांग की गई थी।

वैष्णव ने बताया कि वर्तमान में, दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर (लगभग 3,000 रुटकिमी) पर कार्य प्रगति पर है। इन मार्गों पर 30 जून तक लगभग 2,200 रूट किमी पर ट्रैक साइड का कार्य पूरा हो चुका है।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘कवच 4.0 के उन्नत संस्करण के लिए मथुरा-कोटा खंड के 324 किलोमीटर में व्यापक और विस्तृत परीक्षणों के बाद इस सुरक्षा प्रणाली का इस्तेमाल किया जाना है।’’

कवच के विभिन्न घटकों की स्थापना का विवरण देते हुए रेलमंत्री ने बताया कि 5,856 किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का काम पूरा हो चुका है, 619 दूरसंचार टावर लगाए जा चुके हैं, 708 स्टेशनों पर कवच उपकरण लगाए जा चुके हैं, 1,107 इंजनों में कवच प्रणाली लगाई जा चुकी है और 4,001 किलोमीटर लंबे मार्ग पर ट्रैक-साइड उपकरणों की स्थापना पूरी हो चुकी है।’’

वैष्णव ने बताया कि कवच की स्थापना को मुंबई-पुणे, मुंबई-भुसावल (मुंबई क्षेत्र सहित), इगतपुरी-बडनेरा-नागपुर-नरखेर, बल्हारशाह, लोनावला-पुणे-दौंड-बारामती, अंकाई-पुणे-मिराज-कोल्हापुर, कुर्दवाड़ी-लातूर, पूर्णा-अकोला जैसे रेल मार्गों पर मंजूरी दी गई है, जिनमें महाराष्ट्र की शाखा लाइन भी शामिल हैं, जिनकी कुल लंबाई 3,856 किलोमीटर है।

उन्होंने सदन को यह भी बताया कि इसी प्रकार, मध्यप्रदेश में नारकेर-जुझारपुर, आमला-परासिया-छिंदवाड़ा, वाघोड़ा-खंडवा, धौलपुर-आगासोद, इटारसी-बीना, रतलाम-जावद और नागदा-भोपा खंडों सहित 1,219 मार्ग किलोमीटर पर कवच स्थापना की मंजूरी दी गई है।

मंत्री ने बताया कि कवच के स्टेशन उपकरण सहित ट्रैक के किनारे के प्रावधान की लागत लगभग 50 लाख रुपये प्रति किमी है और इंजनों पर कवच उपकरण लगाये जाने पर लगभग 80 लाख रुपये प्रति लोको की लागत आएगी।’’

कवच, लोको पायलट द्वारा ब्रेक लगाने में असफल रहने की स्थिति में, स्वचालित ब्रेक लगाकर, रेलगाड़ियों को निर्दिष्ट गति सीमा के भीतर चलाने में लोको पायलट की सहायता करता है, तथा खराब मौसम के दौरान रेलगाड़ियों को सुरक्षित रूप से परिचालित करने में भी मदद करता है।

भाषा सुरेश सुभाष

सुभाष