बेंगलुरु, 19 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के एक सरकारी निगम में कथित अनियमितताओं को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में हंगामा हुआ। इस दौरान विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा जनता दल (सेक्युलर) ने विरोध प्रकट करते हुए राज्य सरकार पर ‘लूट’ का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग की।
सदन में विपक्षी दलों के विधायकों की लगातार नारेबाजी के बीच सिद्धरमैया ने अपना और अपनी सरकार का बचाव करते हुए स्वीकार किया कि घोटाला हुआ है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इसमें शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों खासतौर पर भाजपा पर पलटवार करते हुए उनके कार्यकाल के दौरान हुए कथित घोटालों को गिनाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उन घोटालों की जांच कराएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि गलत काम करने वालों को जेल भेजा जाए ताकि वे इसकी कीमत चुकाएं।
सिद्धरमैया ने कहा, “मुख्यमंत्री और सरकार को बदनाम करने के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं। यह संभव नहीं है। वे आरोप लगा रहे हैं कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के धन की लूट हुई है। यह 187.33 करोड़ रुपये का (घोटाला) नहीं है, इतनी राशि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आई है, जिसमें से 89.63 करोड़ रुपये आंध्र (प्रदेश) और तेलंगाना गए हैं, उन्हें वापस पाने के प्रयास किए जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “ हम सुनिश्चित करेंगे कि अपराधियों, चोरों और लुटेरों को सजा मिले। किसी को बचाने का सवाल ही नहीं उठता। भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
भाजपा और जद (एस) के विधायकों ने मुख्यमंत्री और उनकी सरकार पर “चोरी”, “लूट”, “एससी/एसटी के साथ अन्याय” का आरोप लगाते हुए नारे लगाए और सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग की।
कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड से जुड़ा कथित अवैध धन हस्तांतरण घोटाला 26 मई को लेखा अधीक्षक चंद्रशेखर पी. के आत्महत्या करने व एक नोट छोड़ने के बाद सामने आया था।
सुसाइड नोट में निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपये के अनधिकृत हस्तांतरण का खुलासा हुआ था। साथ ही इसमें कहा गया था कि इसमें से 88.62 करोड़ रुपये अवैध रूप से ‘नामी’ आईटी कंपनियों, हैदराबाद में स्थित सहकारी बैंक व अन्य से कथित तौर पर जुड़े विभिन्न खातों में डाले गए थे।
अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी. नागेन्द्र ने घोटाले के संबंध में अपने खिलाफ आरोप लगने के बाद छह जून को इस्तीफा दे दिया था।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के केंद्रीय जांच ब्यूरो के समक्ष शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इससे पहले नागेंद्र और वाल्मीकि निगम के अध्यक्ष व रायचूर ग्रामीण से कांग्रेस के विधायक बसनगौड़ा डड्डल के कई परिसर पर छापे मारे थे।
भाषा जोहेब संतोष
संतोष