मदिराप्रेमियों के लिए जरूरी खबर, अब नहीं मिलेगी इस ब्रांड की शराब, इस वजह से सरकार ने लगाया बैन

मदिराप्रेमियों के लिए जरूरी खबर, अब नहीं मिलेगी इस ब्रांड की शराब, Uttarakhand bans manufacture, sale of liquor brand 'Trikal'

  •  
  • Publish Date - May 27, 2025 / 10:16 PM IST,
    Updated On - May 28, 2025 / 12:24 AM IST

MP News

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को दिग्गज शराब कंपनी रेडिको खेतान के ब्रांड ‘त्रिकाल’ के निर्माण और बिक्री को राज्य में प्रतिबंधित कर दिया।  एक प्रेस विज्ञप्ति में प्रदेश के आबकारी आयुक्त हरिचन्द्र सेमवाल ने कहा कि आबकारी विभाग स्पष्ट करना चाहता है कि राज्य में इस प्रकार के किसी भी ब्रांड को न तो निर्माण की अनुमति दी गई है और न ही रजिस्ट्रेशन अथवा बिक्री के लिए किसी प्रकार की स्वीकृति प्रदान की गई है।

Read More : Chemical Factory Blast: केमिकल फैक्ट्री में बड़ा हादसा, विस्फोट होने से पांच लोगों की मौत, 19 घायल 

उन्होंने कहा, “उत्तराखंड में ‘त्रिकाल’ या किसी मिलते-जुलते नाम के मदिरा ब्रांड को राज्य में न तो अनुमति दी गई है और न ही भविष्य में दी जाएगी।” सेमवाल ने कहा कि विभाग के संज्ञान में आया है कि ‘त्रिकाल’ नामक मदिरा ब्रांड को अन्य राज्यों में लॉन्च किया गया है लेकिन इसे उत्तराखंड से जोड़े जाने को लेकर सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरें भ्रामक एवं असत्य हैं । उन्होंने कहा कि देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड की पावन भूमि पर किसी भी ऐसे ब्रांड या उत्पाद की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी जो देवी-देवताओं या धार्मिक अवधारणाओं से मिलते-जुलते नामों से जुड़ा हो और जिससे प्रदेशवासियों की धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचे।

Read More : Chhattisgarh News: न कोई तामझाम, न कोई सुरक्षा.. अचानक इस ढाबे पर रुक गए सीएम साय, रायपुर लौटते वक्त किया भोजन 

सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरों को एक सोची समझी साजिश बताते हुए आबकारी आयुक्त ने कहा कि आबकारी विभाग इस संबंध में साइबर अपराध की धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई कर रहा है । उन्होंने जनता से भी इस प्रकार की अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की।

क्या ‘त्रिकाल’ शराब ब्रांड को उत्तराखंड में बेचने की अनुमति है?

नहीं, ‘त्रिकाल’ ब्रांड को राज्य में निर्माण, पंजीकरण या बिक्री की कोई अनुमति नहीं है।

क्या यह ब्रांड उत्तराखंड में पहले से बेचा जा रहा था?

नहीं, यह ब्रांड राज्य में कभी स्वीकृत नहीं हुआ और न ही इसकी बिक्री हुई है।

सोशल मीडिया पर 'त्रिकाल' को उत्तराखंड से जोड़ने की खबरें सच हैं?

नहीं, ये खबरें भ्रामक और असत्य हैं। सरकार ने इन्हें साइबर अपराध की श्रेणी में लेते हुए कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

सरकार ने ऐसा निर्णय क्यों लिया?

क्योंकि ‘त्रिकाल’ जैसे नाम धार्मिक अवधारणाओं से मेल खाते हैं और इससे धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं।

क्या भविष्य में इस तरह के अन्य ब्रांड भी प्रतिबंधित किए जा सकते हैं?

हां, देवी-देवताओं या धार्मिक प्रतीकों से जुड़े नाम वाले किसी भी उत्पाद की अनुमति नहीं दी जाएगी।