उत्तराखंड सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया: वन्यजीव क्षेत्र के 0.1 प्रतिशत हिस्से में आग

उत्तराखंड सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया: वन्यजीव क्षेत्र के 0.1 प्रतिशत हिस्से में आग

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  • Publish Date - May 8, 2024 / 04:17 PM IST,
    Updated On - May 8, 2024 / 04:17 PM IST

नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने राज्य में जंगल की भीषण आग पर काबू पाने के लिए उठाए गए कदमों से उच्चतम न्यायालय को बुधवार को अवगत कराया और कहा कि आग की घटना के कारण राज्य का केवल 0.1 प्रतिशत वन्यजीव क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया कि पिछले साल नवंबर से राज्य में जंगल में आग लगने की 398 घटनाएं हुई हैं और वे सभी मानव निर्मित हैं।

राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों से अवगत कराने के अलावा पीठ को यह भी बताया कि जंगल की आग के संबंध में 350 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं और उनमें 62 लोगों को नामित किया गया है।

अधिवक्ता ने कहा, ‘‘लोग कहते हैं कि उत्तराखंड का 40 प्रतिशत हिस्सा आग से जल रहा है, जबकि इस पहाड़ी राज्य में वन्यजीव क्षेत्र का केवल 0.1 प्रतिशत हिस्सा ही आग की चपेट में है।’’

अधिवक्ता ने पीठ के समक्ष अंतरिम स्थिति रिपोर्ट भी रखी।

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि ‘क्लाउड सीडिंग’ (कृत्रिम बारिश) या ‘‘इंद्र देवता पर निर्भर रहना’’ इस मुद्दे का समाधान नहीं है और राज्य को निवारक उपाय करने होंगे।

पीठ राज्य में जंगल की आग से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 मई की तारीख निर्धारित की है।

भाषा सुरेश माधव

माधव