महाकुंभ नगर, 10 फरवरी (भाषा) विश्वभर में वेद विज्ञान के प्रचारक एवं महर्षि अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. टोनी नाडर का कहना है कि वेद केवल विज्ञान नहीं है, बल्कि यह एक व्यवहारिक प्रौद्योगिकी है।
रविवार को महाकुंभ के त्रिवेणी संगम में स्नान करने आए नाडर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “हम लगातार पूरी दुनिया को वेद के बारे में जागरूक कर रहे हैं। हम वेद को केवल विज्ञान के रूप में नहीं, बल्कि व्यवहारिक प्रौद्योगिकी के रूप में दिखा रहे हैं जिससे सभी का जीवन और उनका सामाजिक जीवन बेहतर हो।’’
उन्होंने कहा, “दुनिया के 152 देशों में हमारे केंद्र हैं जहां हम वेद और इसकी व्यवहारिक प्रौद्योगिकी के बारे में प्रचार प्रसार कर रहे हैं। पचास के दशक में महर्षि महेश योगी जी पश्चिमी देशों में गए और वहां वेद तथा ध्यान के बारे में लोगों को बताया।’’
नाडर ने कहा, “हमने वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध किया है कि ‘ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन’ मानसिक शांति और सौहार्द बनाने के लिए सबसे उत्तम तरीका है। साथ ही यह बीमारियों को दूर रखने और स्वास्थ्य अच्छा रखने में सहायक है।”
वर्ष 2008 में ब्रह्मलीन हुए महर्षि महेश योगी के उत्तराधिकारी ने कहा, ‘‘अगर हम सनातन धर्म का पालन करते हैं तो हम प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं जिससे हमें जीवन में सही दिशा मिलती है। इन्हीं चीजों का वेदों, भगवद् गीता में उल्लेख मिलता है।’’
हावर्ड से प्रशिक्षित फिजिशियन और न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. नाडर ने संगम में डुबकी लगाई और अरैल में स्थापित महर्षि महेश योगी स्मारक में अपने गुरु की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।
न्यूयार्क से आए जगदीश सेवानी ने संगम स्नान का अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘‘ऐसी अद्भुत अनुभूमि मैंने पहले कभी नहीं की। करोड़ों लोग इतने व्यवस्थित ढंग से स्नान कर रहे हैं, यह देखकर लगा कि कोई दिव्य शक्ति है जो लोगों को यहां खींचकर ला रही है।’’
महर्षि योगी के घनिष्ट मित्र रहे सेवानी ने कहा, ‘‘मैं इतने अद्भुत आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करता हूं। अभी तक अमेरिका की आबादी के लगभग डेढ़ गुना लोग यहां स्नान कर चुके हैं। इतनी भीड़ अमेरिका में आ जाए तो पता नहीं क्या होगा।”
भाषा शोभना खारी
खारी