Narendra Bhondekar Resigned/ Image Credit : Narendra Bhondekar X Handle
मुंबई: Narendra Bhondekar Resigned: महाराष्ट्र में आज मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। आज हुए मंत्रिमंडल विस्तार समारोह में 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया। दरअसल, भंडारा के तीन बार के विधायक और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता नरेंद्र भोंडेकर ने मंत्री पद ना मिलने से नाराज होकर उपनेता पद से इस्तीफा दे दिया है। नरेंद्र भोंडेकर ने आरोप लगाया है कि चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें मंत्री पद का वादा किया था। हालांकि, नागपुर में हो रहे शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें शामिल नहीं किया गया, जिससे वे बेहद नाराज हैं। उनके इस्तीफे से पार्टी में अंदरूनी असंतोष और गुटबाजी की स्थिति उजागर हो रही है।
Narendra Bhondekar Resigned: आज नागपुर में महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। इसमें बीजेपी के 19, शिवसेना के 11, और एनसीपी के 9 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। शिवसेना (शिंदे गुट) ने इस बार उदय सामंत, शंभुराजे देसाई, गुलाबराव पाटील, दादा भुसे, और संजय राठौड़ जैसे दिग्गज नेताओं को जगह दी है।
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2009: पहली बार शिवसेना के टिकट पर विधायक चुने गए।
2019: निर्दलीय चुनाव लड़ा और बीजेपी के उम्मीदवार को हराया।
2022: शिवसेना में विभाजन के बाद शिंदे गुट का समर्थन किया।
2024: भंडारा से चुनाव जीतकर कांग्रेस की पूजा गणेश ठावकर को हराया।
Narendra Bhondekar Resigned: नरेंद्र भोंडेकर का इस्तीफा इस बात का संकेत है कि शिंदे गुट में मंत्री पद के बंटवारे को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। शिवसेना ने इस बार 11 विधायकों को मंत्री पद दिया, लेकिन पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और वफादार विधायकों को नजरअंदाज किया गया।
उत्तर: नरेंद्र भोंडेकर ने मंत्री पद नहीं मिलने के कारण उपनेता पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें मंत्री बनने का वादा किया था।
उत्तर: नरेंद्र भोंडेकर ने 2009 में पहली बार शिवसेना के टिकट पर विधायक चुने गए। उन्होंने 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और बीजेपी के उम्मीदवार को हराया। 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद शिंदे गुट का समर्थन किया और 2024 में भंडारा से चुनाव जीतकर कांग्रेस की पूजा गणेश ठावकर को हराया।
उत्तर: नरेंद्र भोंडेकर का इस्तीफा शिवसेना (शिंदे गुट) में असंतोष और अंदरूनी गुटबाजी के संकेत दे रहा है। कई वरिष्ठ नेताओं और वफादार विधायकों को मंत्री पद के बंटवारे में नजरअंदाज किया गया है।
उत्तर: हाल ही के मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी के 19, शिवसेना के 11, और एनसीपी के 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है।
उत्तर: नरेंद्र भोंडेकर का इस्तीफा पार्टी में असंतोष को उजागर करता है, जिससे भविष्य में गुटबाजी या नेतृत्व में बदलाव की संभावनाएं बन सकती हैं।