उपराष्ट्रपति ने ‘नए भारत’ के लिए रामानुजाचार्य की शिक्षाओं को आत्मसात करने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति ने 'नए भारत' के लिए रामानुजाचार्य की शिक्षाओं को आत्मसात करने का आह्वान किया

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  • Publish Date - February 12, 2022 / 10:12 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

हैदराबाद, 12 फरवरी (भाषा) भारतीय समाज में सामाजिक सुधार लाने के लिए 11वीं सदी के संत और समाज सुधारक श्री रामानुजाचार्य के प्रयासों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को देश के युवाओं से उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आग्रह किया।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यहां पास में ‘‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’’ का दौरा करने वाले उपराष्ट्रपति ने कहा कि रामानुजाचार्य की ‘सभी के लिए समानता, सबका कल्याण’ की शिक्षाओं को ‘नए भारत’ के निर्माण के प्रयास में मार्गदर्शक के रूप में लेना चाहिए।

युवाओं से श्री रामानुजाचार्य के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें भेदभाव मुक्त समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भागीदार बनना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आइए हम श्री रामानुजाचार्य द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने के लिए खुद को फिर से समर्पित करें और महान संत के सिद्धांत ‘भगवान की सेवा के रूप में सभी प्राणियों की सेवा करें’ का पालन करके मानवता की पीड़ा को कम करने का प्रयास करें।’’

जाति, वर्ग और लैंगिक असमानताओं को खत्म करने की दिशा में श्री रामानुजाचार्य के अथक प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए नायडू ने कहा कि शांति और सद्भाव के लिए उनका दृष्टिकोण आज भी प्रासंगिक बना हुआ है।

‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’, ग्रामीण स्वच्छता और अन्य सरकारी योजनाओं को रेखांकित करते हुए नायडू ने कहा कि ये सभी कार्यक्रम ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के दर्शन से प्रेरित हैं जो श्री रामानुजाचार्य की शिक्षाओं के अनुरूप है। बयान में कहा गया है कि हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और अश्विनी चौबे भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

भाषा आशीष माधव

माधव