वक्फ विधेयक के जरिए वक्फ संपत्तियों को जब्त करने की ‘साजिश का पर्दाफाश’ करना जरूरी: अरशद मदनी

वक्फ विधेयक के जरिए वक्फ संपत्तियों को जब्त करने की ‘साजिश का पर्दाफाश’ करना जरूरी: अरशद मदनी

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  • Publish Date - October 13, 2024 / 08:54 PM IST,
    Updated On - October 13, 2024 / 08:54 PM IST

नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने रविवार को दावा किया कि वक्फ संशोधन विधेयक के जरिए वक्फ संपत्तियों को हड़पने की साजिश का पर्दाफाश करना जरूरी है और इस तरह के खतरों से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए, इस पर गहन चर्चा के लिए अगले महीने एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

संगठन की ओर से जारी एक बयान में मौलाना मदनी ने कहा कि जमीयत ने 1923 से 2013 तक वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं और “हम उस प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि मानवता के आधार पर समानता और करुणा की भावना को बढ़ावा देने, लोकतंत्र को बनाए रखने और देश के संविधान की रक्षा के लिए तीन नवंबर 2024 को दिल्ली में जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) का एक भव्य सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

83 वर्षीय बुजुर्ग मुस्लिम नेता ने दावा किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक की आड़ में वक्फ संपत्तियों को जब्त करने की साजिश का पर्दाफाश करना जरूरी है, जिसका मकसद “हमें इस बहुमूल्य विरासत से वंचित करना है।”

मदनी ने कहा कि तीन नवंबर के सम्मेलन में इस बात पर गहन चर्चा की जाएगी कि ऐसी गंभीर स्थितियों और खतरों से निपटने के लिए क्या कार्य योजना बनाई जानी चाहिए तथा आगे की राह के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाएगी।

जमीयत प्रमुख ने आरोप लगाया कि सांप्रदायिक मानसिकता एक विशिष्ट समुदाय को हाशिए पर धकेलने का असफल प्रयास और “सुनियोजित षड्यंत्र” कर रही है।

यहां इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित होने वाले सम्मेलन की तैयारियों के सिलसिले में मदनी ने जमीयत कार्यालय में विभिन्न राज्यों से आए सदस्यों और प्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्होंने सम्मेलन के उद्देश्य और लक्ष्यों पर जोर देते हुए कहा कि देश में मौजूदा हालात पूर्व में भी नहीं थे।

उन्होंने कहा कि एक के बाद एक घटित हो रही घटनाओं को देखते हुए, “अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है कि भारत फासीवाद की गिरफ्त में आ चुका है।”

मदनी ने दावा किया कि न सिर्फ नए विवाद पैदा करके मुसलमानों को भड़काने की कोशिश की जा रही है, बल्कि उन्हें हाशिए पर धकेलने के लिए सुनियोजित साजिश भी रची जा रही हैं।

भाषा नोमान नोमान नरेश

नरेश