Waqf Board Amendment Bill: वक़्फ़ संशोधन मामले में मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत.. कुछ धाराओं पर लगाई रोक लेकिन बरक़रार रहेगा क़ानून..

वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों के नामांकन की अनुमति देने वाले प्रावधान पर रोक नहीं लगाई गई। हालांकि, न्यायालय ने कहा कि जहाँ तक संभव हो, बोर्ड का पदेन सदस्य एक मुस्लिम व्यक्ति होना चाहिए।

Waqf Board Amendment Bill: वक़्फ़ संशोधन मामले में मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत.. कुछ धाराओं पर लगाई रोक लेकिन बरक़रार रहेगा क़ानून..

Waqf Board Amendment Bill || Image- Siyasat fILE

Modified Date: September 15, 2025 / 11:34 am IST
Published Date: September 15, 2025 11:34 am IST
HIGHLIGHTS
  • इस्लाम पालन शर्त पर अंतरिम रोक
  • अतिक्रमण निर्णय पर सरकारी अधिकारी को अधिकार नहीं
  • गैर-मुस्लिम सदस्यता पर कोर्ट की स्पष्टता

Waqf Board Amendment Bill: नई दिल्ली: केंद्र सरकार के संशोधित वक़्फ़ से जुड़े नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस मामले पर कोर्ट में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने कानून पर तो रोक नहीं लगाया लेकिन बिन्दुओ को जरूर खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाई है, जिसमें वक्फ बोर्ड के सदस्य बनने के लिए कम से कम पांच साल तक इस्लाम पालन की शर्त शामिल है। कोर्ट ने कहा कि जब तक इस संबंध में उचित नियम नहीं बनते, तब तक यह प्रावधान लागू नहीं होगा।

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Supreme Court on Waqf Board Amendment Bill

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने निम्नलिखित प्रावधानों में हस्तक्षेप किया-

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  • 1. धारा 3(1)(आर) के प्रावधान, जिसके अनुसार किसी व्यक्ति को वक्फ बनाने के लिए 5 साल तक इस्लाम का पालन करना आवश्यक है, उसको राज्य सरकारों द्वारा इस शर्त के निर्धारण के संबंध में नियम बनाने तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
  • 2. सरकार के नामित अधिकारी को यह तय करने की अनुमति देने वाले प्रावधान पर रोक लगा दी गई कि क्या किसी वक्फ संपत्ति ने सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण किया। यह देखते हुए कि एक कार्यकारी अधिकारी को नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों का न्याय करने की अनुमति नहीं दी जा सकती और यह शक्तियों के पृथक्करण का उल्लंघन होगा। हालांकि, जब तक ट्रिब्यूनल द्वारा न्यायनिर्णयन नहीं हो जाता, तब तक किसी भी पक्ष के विरुद्ध किसी तीसरे पक्ष के अधिकार का सृजन नहीं किया जा सकता।
  • 3. वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों के नामांकन की अनुमति देने वाले प्रावधान पर रोक नहीं लगाई गई। हालांकि, न्यायालय ने कहा कि जहाँ तक संभव हो, बोर्ड का पदेन सदस्य एक मुस्लिम व्यक्ति होना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि केंद्रीय वक्फ परिषद में 4 से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे, और राज्य वक्फ बोर्ड में 3 से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे।

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Waqf Board Amendment Bill: गौरतलब है कि, अदालत ने पक्षकारों की तीन दिनों तक सुनवाई करने के बाद 22 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।। ये याचिकाएं संसद द्वारा 2025 में पारित संशोधनों द्वारा वक्फ कानून में किए गए व्यापक बदलावों की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए दायर की गईं थी।।

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, दिल्ली आप विधायक (AAP MLA) अमानतुल्लाह खान, नागरिक अधिकार संरक्षण संघ, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी, समस्त केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब खान सलमानी, मोहम्मद शफी, TMC सांसद महुआ मोइत्रा, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, RJD सांसद मनोज कुमार झा, सपा सांसद जिया उर रहमान, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, DMK आदि कुछ याचिकाकर्ता हैं।


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