नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष आर वी अशोकन से पूछा कि ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में ‘नुकसान पहुंचाने वाले’ अपने बयान को लेकर शीर्ष अदालत से बिना शर्त उनका माफीनामा क्या उन सभी अखबारों में प्रकाशित हुआ है जिन्होंने उनका साक्षात्कार छापा था ।
‘पीटीआई-भाषा’ को 29 अप्रैल को दिये साक्षात्कार में अशोकन ने कहा था कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि उच्चतम न्यायालय ने एसोसिएशन तथा निजी चिकित्सकों के कुछ प्रैक्टिस (तौर-तरीके) की भी आलोचना की। साक्षात्कार में वह पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापन के बारे में पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि माफीनामा अशोकन द्वारा व्यक्तिगत रूप से समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाना चाहिए, न कि आईएमए के कोष से।
उच्चतम न्यायालय आईएमए द्वारा 2022 में दायर की गयी याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें पंतजलि पर कोविड टीकाकरण अभियान तथा आधुनिक चिकित्सा पद्धति को बदनाम करने की मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया है।
नौ जुलाई को अशोकन ने शीर्ष अदालत से कहा था कि उनका माफीनामा कई अखबारों में प्रकाशित हुआ था।
आईएमए के वकील ने कहा था कि अशोकन की बिना शर्त माफीनामा एसोसिएशन के मासिक प्रकाशन, आईएमए वेबसाइट और पीटीआई द्वारा भी प्रकाशित की गई थी।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति हीमा कोहली और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने आईएमए के वकील से कहा कि माफीनामा उन सभी अखबारों में प्रकाशित होना चाहिए था, जिनमें अशोकन का साक्षात्कार छपा था।
पीठ ने पूछा, ‘‘क्या यह उन सभी समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ था, जहां आपका साक्षात्कार प्रकाशित हुआ था?’’
पीठ ने यह भी कहा कि आईएमए अध्यक्ष मुसीबत को आमंत्रित कर रहे हैं।
आईएमए की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस पटवालिया ने पीठ से कहा कि अशोकन खुद को अवमानना से बचाने के लिए उचित कदम उठाएंगे।
पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 अगस्त तय की।
इससे पहले 14 मई को सुनवाई के दौरान पीठ ने अशोकन से साक्षात्कार में अदालत के खिलाफ उनके ‘हानिकारक’ बयानों पर कुछ कठिन सवाल पूछे थे और कहा था, ‘‘आप सोफे पर बैठकर प्रेस को साक्षात्कार नहीं दे सकते और अदालत का मजाक नहीं उड़ा सकते।’’
भाषा राजकुमार रंजन
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