Vande Bharat: हिंसा..तोड़फोड़ लूट!..ये कैसी छूट? क्या सावन मास के लिए प्रशासन की तैयारी पर्याप्त थी? देखिए पूरी रिपोर्ट

Kanwar Yatra 2025: हिंसा..तोड़फोड़ लूट!..ये कैसी छूट? क्या सावन मास के लिए प्रशासन की तैयारी पर्याप्त थी? देखिए पूरी रिपोर्ट

Vande Bharat: हिंसा..तोड़फोड़ लूट!..ये कैसी छूट? क्या सावन मास के लिए प्रशासन की तैयारी पर्याप्त थी? देखिए पूरी रिपोर्ट

Kanwar Yatra 2025 | Photo Credit: IBC24

Modified Date: July 11, 2025 / 11:11 pm IST
Published Date: July 11, 2025 11:11 pm IST
HIGHLIGHTS
  • कांवड़ यात्रा के पहले ही दिन हंगामा
  • सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बावजूद कानून व्यवस्था पर सवाल
  • विपक्ष ने सरकार की तैयारी पर उठाए सवाल

नई दिल्ली: Kanwar Yatra 2025 सावन मास के पहले ही दिन कांवड़ यात्रा मार्ग पर अव्यवस्था और अराजता की तस्वीरें नजर आने लगीं। चिंता की बात ये कि अभी तो पूरा सावन महीना बाकी है।

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Kanwar Yatra 2025 हंगामा, तोड़फोड़ और मारपीट ये तस्वीरे किसी दंगे-फसाद की नहीं बल्कि कांवड़ियों के गुस्से की है। सावन के महीने की शुरूआत के साथ कांवड़िए बड़ी धूमधाम से कांवड़ में जल भरकर शिवालयों की ओर निकले, लेकिन रास्ते में जैसी ही उनकी कांवड़ खंडित हुआ उनका गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच गया। कहीं बाइक सवार की बाइक पर गुस्सा उतारा तो कहीं कार और SUV को निशाना बनाया।

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ये तस्वीरें किसी एक स्थान की नहीं बल्कि उत्तराखंड से यूपी तक की है हरिद्वार में जहां एक कार जल लेकर जा रहे कांवड़ियों से हल्की साइड लग गई, तो शिवभक्त भड़क उठे और कार में तोड़फोड़ कर दी। इसी तरह रुड़की में भी मामूली टक्‍कर के बाद आक्रोशित कांवड़ियों ने सड़क पर जमकर बवाल काटा। यूपी के मुजफ्फरनगर में भी कांवड़ियों ने बाइक के हल्का छूने पर राहगीरों से मारपीट कर दी। इन घटनाओं ने पुलिस ने पुख्ता इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए।

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कांवड़ियों के हंगामे पर सियासत भी गरमाई विपक्ष ने सरकार के सुरक्षा इंतजामों के बड़े-बड़े दावों पर सवाल उठाए, तो सत्ता पक्ष ने भी पलटवार किया। कांवड़ यात्रा की शुरुआत से पहले ही यूपी और उत्तराखंड सरकार मुस्तैद थी। कांवड यात्रा के रूट की मैपिंग की गई। खान-पान की शुद्धता, साफ-सफाई पर फोकस किया गया। सीसीटीवी के साथ-साथ हजारों सुरक्षाकर्मिय़ों की भी तैनाती की गई, लेकिन इसके बाद भी कांवड़ियों के हंगामे की ये घटनाए उन दावों को कटघरे में खड़ा कर रही है। जिसके दावे किए जा रहे थे। बड़ा सवाल है कि क्या कांवड़ यात्रा के नाम पर कानून हाथ में लेने का किसी को लायसेंस मिल जाता है। सरकार और प्रशासन क्या इस पर सख्त एक्शन लेने की हिम्मत जुटा पाएगा।


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