(Pahli Bar SIR Kab Hua Tha, Image Credit: eci)
नई दिल्ली: Pahli Bar SIR Kab Hua Tha: भारत में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया का विस्तार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची को अद्यतन और सही किया जाएगा। इस प्रक्रिया का दूसरा चरण आज से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगा।
चुनाव आयोग ने इन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR की शुरुआत की है:
इन राज्यों में मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया गया है और अब घर-घर जाकर सत्यापन का काम किया जाएगा।
SIR एक विशेष प्रक्रिया है, जिसके तहत चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची की गहन जांच की जाती है। इसमें घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सिर्फ योग्य मतदाता ही सूची में हों और नकली या डुप्लीकेट नाम हटाए जा सकें। इस प्रक्रिया में मतदान केंद्र पर एक बूथ लेवल अधिकारी (BLO) द्वारा मतदाताओं का व्यक्तिगत सत्यापन किया जाता है।
भारत में पहली बार SIR 2002 से 2004 के बीच किया गया था। उस समय मतदाता सूची में भारी गलतियाँ पाई गई थीं, जिनमें कई नाम डुप्लीकेट या गलत स्थानों पर थे। इसके बाद अब 2025 में यह प्रक्रिया फिर से शुरू की गई है। बिहार में पहले चरण का पुनरीक्षण हुआ था, जिसमें 69 लाख नाम हटाए गए थे।
मतदाता सूची में समय के साथ कई प्रकार की गड़बड़ियां हो जाती हैं। जैसे:
SIR के माध्यम से चुनाव आयोग इन सभी गलतियों को सुधारने की कोशिश करता है, ताकि आने वाले चुनाव में सटीक और निष्पक्ष मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
बिहार में हुए पहले SIR के दौरान लगभग 47 लाख मतदाता घटाए गए थे। चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया कि केवल पात्र मतदाता ही चुनावों में भाग लें। इसके बाद बिहार की अंतिम मतदाता सूची में कुल वोटर संख्या करीब 7.43 करोड़ रह गई।
चुनाव आयोग ने यह तय किया है कि बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) हर 1000 मतदाताओं के लिए एक अधिकारी नियुक्त करेंगे, जो घर-घर जाकर नाम मिलान करेंगे। इस दौरान यदि किसी मतदाता का नाम सूची में नहीं पाया जाता, तो उन्हें पहचान और निवास प्रमाण दिखाना होगा। अगर मतदाता किसी कारण से घर पर नहीं थे, तो उन्हें तीन बार बीएलओ का दौरा मिलेगा।
मतदाता ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। वे अपनी जानकारी को 2003 की सूची से लिंक करके नए मतदाता सूची में अपना नाम जोड़ सकते हैं। यदि नाम नहीं मिलता तो उन्हें 12 आवश्यक दस्तावेज दिखाकर अपनी पात्रता साबित करनी होगी।
सभी दावे-आपत्तियों के बाद 7 फरवरी 2026 तक नई मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। यह सूची अंतिम होगी और इसके बाद किसी भी मतदाता या निवासी को अपील करने का अधिकार होगा।