खाना पकाने वाले ईंधन से उत्पन्न वायु प्रदूषण से महिलाओं को अधिक खतरा: अध्ययन

खाना पकाने वाले ईंधन से उत्पन्न वायु प्रदूषण से महिलाओं को अधिक खतरा: अध्ययन

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  • Publish Date - June 30, 2025 / 08:48 PM IST,
    Updated On - June 30, 2025 / 08:48 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) खाना पकाने में उपयोग होने वाले ईंधन से उत्पन्न वायु प्रदूषण के संपर्क में आने वाली महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा अधिक संज्ञानात्मक हानि की आशंका होती है। बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है।

यह अध्ययन प्रतिष्ठित पत्रिका द लैंसेट रीजनल हेल्थ – साउथईस्ट एशिया में प्रकाशित हुआ है। इसमें कर्नाटक के श्रीनिवासपुरा कस्बे के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले वृद्धों के मस्तिष्क के ‘एमआरआई स्कैन’ का विश्लेषण किया गया, जिसमें यह पता चला कि महिलाओं के मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का खतरा अधिक हो सकता है।

इस संबंध में अध्ययन करने वाली टीम में अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय के शोधकर्ता भी शामिल थे।

अध्ययन में यह पाया गया कि खाना पकाने के लिए ठोस ईंधन को जलाने से, विशेष रूप से कम हवादार स्थानों में वायु प्रदूषक निकल सकते हैं, जैसे कार्बन, नाइट्रोजन, सल्फर और भारी धातुओं के ऑक्साइड।

उन्होंने कहा कि प्रदूषक विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं, जिनमें से प्रमुख हैं सूजन और ‘ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस’।

शोधकर्ताओं ने 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के 4,100 से अधिक लोगों का विश्लेषण किया।

उन्होंने बताया कि संज्ञानात्मक हानि (कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट) स्मृति, तर्क करने की क्षमता और भाषा (बोलने) को प्रभावित करती है। यह स्थिति डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर जैसी बीमारियों से पहले भी हो सकती है, जिनमें प्रभावित व्यक्ति को रोज़मर्रा के सामान्य कार्य करने में कठिनाई होती है।

भाषा

प्रीति अविनाश

अविनाश