अगले विधानसभा चुनाव में चामुंडेश्वरी सीट से चुनाव नहीं लड़ूंगा: सिद्धारमैया

अगले विधानसभा चुनाव में चामुंडेश्वरी सीट से चुनाव नहीं लड़ूंगा: सिद्धारमैया

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  • Publish Date - March 13, 2022 / 08:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:45 PM IST

मांड्या (कर्नाटक), 13 मार्च (भाषा) कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मैसूरु जिले के चामुंडेश्वरी विधानसभा क्षेत्र से राज्य में 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर अनिच्छुक हैं, जहां से वह 2018 में हार गए थे।

2018 में मौजूदा मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने चामुंडेश्वरी से चुनाव लड़ने का फैसला किया और मैसूर जिले के वरुणा की अपनी ‘सुरक्षित सीट’ से अपने बेटे डॉ. यतींद्र सिद्धारमैया को लड़ाया। सिद्धारमैया के बेटे जहां विजयी हुए, वहीं सिद्धारमैया चामुंडेश्वरी सीट पर जद (एस) नेता जी टी देवेगौड़ा से लगभग 34,000 मतों के अंतर से हार गए।

सिद्धारमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोग मुझे चार से पांच जगहों से चुनाव लड़ने के लिए बुला रहे हैं। मैंने अभी तक फैसला नहीं किया है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2023 में चामुंडेश्वरी सीट से अपनी किस्मत आजमाएंगे, कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं वहां से चुनाव नहीं लड़ूंगा।’

हाल ही में पांच में से चार विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद तय समय से पहले चुनाव होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसा होगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, भाजपा के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा और अन्य नेताओं ने भी इससे इनकार किया है। इस तरह के सवालों को अटकलबाजी बताते हुए उन्होंने कहा कि जब अप्रैल 2023 में चुनाव होने हैं तो समय से पहले चुनाव कराने का कोई कारण नहीं है।

हालांकि, कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘अगर चुनाव जल्दी होते हैं, तो हम सामना करने के लिए तैयार हैं। लोग हमारे पक्ष में हैं।’’

इन अफवाहों के बारे में पूछे जाने पर कि कई कांग्रेस नेता पार्टी बदलने के लिए तैयार हैं, उन्होंने लोगों से कहा कि वे भाजपा के कई नेताओं को कांग्रेस में शामिल होते देखने के लिए प्रतीक्षा करें।

सिद्धारमैया ने यह भी दावा किया कि जनता दल (सेक्युलर) के विधायक जी टी देवेगौड़ा ने उनसे अपने और अपने बेटे के लिए टिकट की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा है कि मैंने अभी तक पार्टी आलाकमान से बात नहीं की है।’’

भाजपा और जद (एस) के गठबंधन की संभावना पर, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमें परवाह नहीं है अगर वे गठबंधन बनाते हैं, एक सहमति बनाते हैं या यहां तक ​​कि मैच फिक्सिंग करते हैं।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री सी एम इब्राहिम के आरोपों के बारे में, जिन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है और उनके जद (एस) में शामिल होने की उम्मीद है, सिद्धारमैया ने कहा कि पार्टी छोड़ने वाले व्यक्ति द्वारा लगाए गए आरोपों को महत्व देने की कोई आवश्यकता नहीं है।

सिद्धारमैया ने पलटवार किया, ‘‘इब्राहिम को 2013 में एक मौजूदा विधायक संगमेश को टिकट न देकर भद्रावती विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया था, लेकिन वह हार गए। मैंने उन्हें, एक पराजित उम्मीदवार को योजना बोर्ड का अध्यक्ष बनाया। इसके अलावा, मैंने उन्हें एमएलसी बनाया। कांग्रेस की ओर से उनके साथ क्या अन्याय हुआ है?’’

उन्होंने कहा कि ये चीजें तब होती हैं जब कोई व्यक्ति अतिमहत्वाकांक्षी हो जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इब्राहिम के जाने के बाद पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सिद्धारमैया ने कहा कि इब्राहिम (विधान) परिषद में विपक्ष का नेता बनना चाहते थे लेकिन पार्टी ने बी के हरि प्रसाद को जिम्मेदारी दी।

भाषा अमित नरेश

नरेश