CJI यूयू ललित ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की, जानिए कौन हैं VY चंद्रचूड़?

CJI यूयू ललित ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की! YV Chandrachud May Be New CJI of Supreme Court

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  • Publish Date - October 11, 2022 / 12:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

नयी दिल्ली: YV Chandrachud भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) यू यू ललित ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर वरिष्ठतम न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नाम की केंद्र से मंगलवार को सिफारिश की। सीजेआई ने अपने पत्र की प्रति न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को सौंपी है। सरकार ने सात अक्टूबर को सीजेआई को एक पत्र भेजकर उनसे अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने को कहा था। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ नौ नवंबर को 50वें सीजेआई बनेंगे। इससे एक दिन पहले सीजेआई ललित सेवानिवृत्त होंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का दो साल का कार्यकाल होगा और वह 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त होंगे।

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YV Chandrachud जस्टिस चंद्रचूड़ देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ (YV Chandrachud) के बेटे हैं। यशवंत विष्‍णु चंद्रचूड़ के नाम सबसे लंबे समय तक देश का मुख्य न्यायाधीश रहने का रिकॉर्ड दर्ज है। वह 7 साल 4 महीने मुख्‍य न्‍यायाधीश रहे थे। उन्‍हें ‘आयरन हैंड्स’ के नाम से भी जाना जाता है। अपने कार्यकाल में उन्‍होंने कई ऐतिहास‍िक फैसले दिए। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी को जेल भेजा। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नजरअंदाज करते हुए मस्लिम महिलाओं को पति से गुजारा-भत्‍ता लेने का हक दिया।

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जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ को प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नेतृत्‍व वाली जनता सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ‘किस्सा कुर्सी का’ मामले में संजय गांधी को जेल भेज दिया था। ‘किस्सा कुर्सी का’ राजनीति पर व्‍यंग्‍य करती हुई फिल्म थी। इसका निर्देशन अमृत नाहटा ने किया था। अमृत नाहटा सांसद भी थे। यह फिल्म इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी की राजनीति पर एक व्यंग्य थी। इमरजेंसी के दौरान भारत सरकार ने इस फिल्‍म पर बैन लगा दिया था। इसके सभी प्रिंट जब्त कर लिए गए थे। जब कुछ साल बाद इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार दोबारा सत्ता में आई तो जस्टिस चंद्रचूड़ उसके प्रबल विरोधी बन गए। उन्‍हें न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जाना जाता है।

 

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