Amrish Puri Birth Anniversary 22nd June || Image- amirkhan_pathan INSTAGRAM
Amrish Puri Birth Anniversary 22nd June: मुंबई: बॉलीवुड के सबसे मशहूर विलेन रहे अमरीश पुरी की आज जन्मजयंती हैं। अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 को पंजाब राज्य के नवांशहर में हुआ था। जबकि 72 साल की उम्र में 12 जनवरी 2005 को उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली।
Remembering the legendary Amrish Puri on his birth anniversary — the man who made villains unforgettable. 🎭❤️
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(Tips Films, Happy Birthday, Amrish Puri)
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अमरीश पुरी चरित्र अभिनेता मदन पुरी के छोटे भाई अमरीश पुरी हिन्दी फिल्मों की दुनिया का एक प्रमुख स्तंभ रहे है। अभिनेता के रूप निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फ़िल्मों से अपनी पहचान बनाने वाले श्री पुरी ने बाद में खलनायक के रूप में काफी प्रसिद्धी पायी। उन्होंने 1984 में बनी स्टीवेन स्पीलबर्ग की फ़िल्म “इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ़ डूम” (अंग्रेज़ी- Indiana Jones and the Temple of Doom) में मोलाराम की भूमिका निभाई जो काफ़ी चर्चित रही। इस भूमिका का ऐसा असर हुआ कि उन्होंने हमेशा अपना सिर मुँडा कर रहने का फ़ैसला किया। इस कारण खलनायक की भूमिका भी उन्हें काफ़ी मिली।
Amrish Puri Birth Anniversary 22nd June: व्यवसायिक फिल्मों में प्रमुखता से काम करने के बावज़ूद समांतर या अलग हट कर बनने वाली फ़िल्मों के प्रति उनका प्रेम बना रहा और वे इस तरह की फ़िल्मों से भी जुड़े रहे। फिर आया खलनायक की भूमिकाओं से हटकर चरित्र अभिनेता की भूमिकाओं वाले अमरीश पुरी का दौर। और इस दौर में भी उन्होंने अपनी अभिनय कला का जादू कम नहीं होने दिया फ़िल्म मिस्टर इंडिया के एक संवाद “मोगैम्बो खुश हुआ” किसी व्यक्ति का खलनायक वाला रूप सामने लाता है तो फ़िल्म DDLJ का संवाद “जा सिमरन जा – जी ले अपनी ज़िन्दगी” व्यक्ति का वह रूप सामने लाता है जो खलनायक के परिवर्तित हृदय का द्योतक है। इस तरह हम पाते है कि अमरीश पुरी भारतीय जनमानस के दोनों पक्षों को व्यक्त करते समय याद किये जाते है।
अमरीश पुरी ने 21 सालों तक कर्मचारी बीमा निगम में बतौर क्लर्क काम किया था। रोजी-रोटी कमाने के साथ-साथ अमरीश पुरी ने अपने एक्टर बनने के सपने को भी जिंदा रखा। वह नौकरी के साथ-साथ थिएटर भी करते थे। जहां से उन्होंने एक्टिंग की बारीकियां सीखी। पंजाब के नवांशहर में जन्मे अमरीश जब 22 साल के थे, तो उन्होंने एक हीरो के रोल के लिए ऑडिशन दिया था। यह वर्ष 1954 की बात है। प्रोड्यूसर ने उनको यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनका चेहरा हीरो जैसा नहीं है।
Amrish Puri Birth Anniversary 22nd June: इसके बाद पुरी ने रंगमंच का रुख किया। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक के रूप में हिंदी रंगमंच को जिंदा करने वाले इब्राहीम अल्क़ाज़ी 1961 में उनको थिएटर में लाए। 40 साल की उम्र के करीब उन्हें बॉलीवुड में एंट्री करने का मौका मिला।
Amrish Puri Birth Anniversary 22nd June: कुछ फिल्में करने के बाद ही अमरीश पुरी ने लोगों का ध्यान खींचना शुरू कर दिया। 1971 में आई फिल्म ‘रेशमा और शेरा’ में उनकी एक्टिंग ने उन्हें घर-घर में पहचान दिला दी। फिर क्या था उनकी भारी आवाज़, गुस्सैल आंखें और रौबदार अंदाज ने उन्हें बॉलीवुड का मोस्ट आइकोनिक विलेन बना दिया। “मोगैंबो खुश हुआ”, “जा सिमरन जा”…अमरीश पुरी के बोले गए कुछ ऐसे डायलॉग है जिन्होंने उनको अमर बना दिया।