‘औरतों को भी हो एक साथ कई पति रखने का हक’, जावेद अख्तर ने मुस्लिम पर्सनल लॉ को बताया गलत

  •  
  • Publish Date - December 5, 2022 / 01:02 PM IST,
    Updated On - December 5, 2022 / 01:02 PM IST

Javed akhtar on muslim personal law: नई दिल्ली। अगर मुसलमान पतियों को एक साथ 4 शादियां करने का हक जायज है, तो फिर महिलाओं को भी एक कई पतियों को रखने का हक मिलना चाहिए। ये बातें मशहूर शायर, गीतकार और फिल्म पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने मुस्लिम पर्सनल लॉ को पूरी तरह गलत बताया है। उन्होंने कहा कि एक से ज्यादा बीवी रखने से औरतों और मर्दों में बराबरी नहीं कायम रहती है, जावेद अख्तर ने साफ तौर पर कहा, ‘एक वक्त में एक से ज्यादा शादियां करना देश के कानून और संविधान के नियमों के खिलाफ है।’

read more: किसी एक व्यक्ति की यात्रा नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास है ‘भारत जोड़ो यात्रा’: रमेश

Javed akhtar on muslim personal law: एक इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने कहा, ‘कॉमन सिविल कोड का मतलब केवल ये नहीं है कि सभी समुदायों के लिए एक कानून हो, बल्कि इसका मतलब औरतों और मर्दों के बीच बराबरी भी है। दोनों के लिए एक ही मापदंड होना चाहिए।’ अख्तर ने कहा, ‘वे पहले से ही कॉमन सिविल कोड का पालन कर रहे हैं, जिसके भी दिल में औरत और मर्द की बराबरी का खयाल है, उसे कॉमन सिविल कोड में रहना चाहिए’ उन्होंने कहा कि वे अपने बेटे और बेटी को संपत्ति में बराबर का अधिकार देंगे।

read more: इंडोनेशिया के माउंट सेमेरू में विस्फोट से घर मलबे में दबे और पुल क्षतिग्रस्त

सरकार तो आती-जाती रहती है, मगर देश तो हमेशा रहेगा

Javed akhtar on muslim personal law: जावेद अख्तर ने यह भी कहा, ‘आज देश की समस्या ये है कि देश को सरकार और सरकार को देश माना जाने लगा है। सरकार तो आती-जाती रहती है, मगर देश तो हमेशा रहेगा।’ अख्तर ने कहा, ‘अगर कोई सरकार का विरोध करता है, तो उसे देशद्रोही करार दिया जाता है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘देश का मिजाज बहुत पहले से ही लोकतांत्रिक रहा है, हजारों साल के देश के जनमानस का मिजाज उदार रहा है। वो कभी कट्टरवादी नहीं रहा है। आज जिस तरह से कट्टरता को बढ़ावा दिया जा रहा है, वो हिंदुस्तान का मिजाज नहीं है।’