Dipika Kakar/Image Credit: tellytashan
Dipika Kakar: टेलीवीजन की मशहूर एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ इब्राहिम के हेल्थ को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। खबर मिली है कि दीपिका कक्कड़ इब्राहिम को लिवर ट्यूमर हो गया है। बता दें कि, बीते दिनों दीपिका सेलिब्रिटी मास्टरशेफ में नजर आ रही थी, जहां हेल्थ इशू के कारण उन्होंने शो छोड़ने का फैसला लिया था। वहीं, अब लिवर ट्यूमर की खबर सामने आते ही फैंस को चिंता सताने लगी है। मुश्किल घड़ी में फैंस उनके लिए दुआएं मांग रहे हैं। मालूम हो की हमेशा मुस्कुराने वाली दीपिका ने ‘ससुराल सीमर का’ से घर घर में लोगों के दिलों में जगह बनाई थी।
हालही में सामने आए एक वीडियो में दीपिका पहले व्हीलचेयर पर दिखी और फिर वह अस्पताल के बिस्तर पर नजर आईं। वीडियो में शोएब और दीपिका की मां उन्हें दिलासा देते दिखाई दे रहे हैं। डॉक्टर ने दीपिका के लिए सर्जरी की बात कही है। वहीं, दीपिका अपने बेटे रुहान को लेकर भी टेंशन में हैं। दीपिका के पति और एक्टर शोएब इब्राहिम ने अपने व्लॉग में बताया कि दीपिका को कुछ दिनों से पेट में बहुत दर्द हो रहा था। जिसे उन्होंने यह सोच कर नजरअंदाज कर दिया था कि एसिडिटी है, लेकिन जब दर्द कम नहीं हुआ तो उन्होंने फैमिली डॉक्टर तुषार शाह से संपर्क किया। इसी बीच दीपिका कक्कड़ के लिवर ट्यूमर की खबर सामने आई।
लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंदरूनी अंग होता है। लिवर में जब कोई गांठ या असामान्य बढ़ोतरी होती है, तो उसे लिवर ट्यूमर या हेपेटिक ट्यूमर कहा जाता है। ये दो तरह के होते हैं, पहला बिनाइन ट्यूमर, जो कैंसर नहीं होता, लेकिन अगर बहुत बड़ा हो जाए तो शरीर के लिए परेशानी खड़ी कर देता है और दूसरा मैलिग्नेंट ट्यूमर, घातक कैंसर होता है, जो आसपास के अंगों में फैल सकता है या शरीर के दूसरे हिस्सों तक जा सकता है।
लिवर ट्यूमर होने पर शरीर में धीरे-धीरे कुछ लक्षण सामने आते हैं, जैसे अचानक वजन कम होना, भूख न लगना, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, मतली और उल्टी आना, सामान्य कमजोरी और थकान, पेट में सूजन, पीलिया जिसमें आपकी आंखें और त्वचा पीली हो जाती है, और सफेद, चाक जैसा मल शामिल हो सकता है।
लिवर ट्यूमर का इलाज इसके स्टेज, प्रकार और मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। अगर ट्यूमर छोटा है और लिवर ठीक से काम कर रहा है, तो सर्जरी से ट्यूमर को हटाया जा सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट भी किया जाता है। साइबरनाइफ जैसी मशीन से रेडिएशन देकर ट्यूमर को हटाया जाता है। वहीं, कीमोएंबोलाइजेशन और रेडियोएंबोलाइजेशन तकनीकों से कैंसर कोशिकाओं को सीधे निशाना बनाया जाता है। हालांकि, कीमोथेरेपी भी अभ एक ऑप्शन है। अगर कैंसर शरीर के किसी और हिस्से से लिवर में फैला है, तो उसका भी इलाज किया जा सकता है।