Onam 2023: ओणम पर क्यों बनाई जाती है फूलों की रंगोली, जानिए इसका महत्व

Onam 2023: ओणम पर्व के दौरान लोग अपने घरों को 12 दिनों तक फूलों और रंगोली से सजाते हैं, जिसे पूकलम कहते हैं।

  •  
  • Publish Date - August 28, 2023 / 01:22 PM IST,
    Updated On - August 28, 2023 / 01:22 PM IST

Onam 2023: ओणम पर्व दक्षिण भारत में मुख्यतः: केरल का सबसे प्राचीन और पारंपरिक उत्सव माना जाता है, जिसे दस दिनों तक बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल ओणम 20 अगस्त 2023 से लेकर 31 अगस्त 2023 तक पड़ रहा है। ओणम पर्व के दौरान अपने घरों को 12 दिनों तक फूलों और रंगोली से सजाते हैं, जिसे पूकलम कहते हैं। इन दिनों भगवान विष्णु और महाबली की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल आता है कि ओणम में केवल फूल की ही रंगोली क्यों बनाई जाती है.? तो आज हम आपकी ये दुविधा भी दूर कर देते है..

Read More: Sawan Somwar : सावन का अंतिम सोमवार आज, कावड़ियों ने लगाए बोलबम के नारे, ग्यारहवीं सदी के इस प्राचीन मंदिर में लगा भक्तों का तांता

ओणम में पूकलम का विशेष महत्व

ओणम के भोग, वामन और महाबली की पूजा और नावों की रेस के साथ-साथ इस त्यौहार में फूलों से बनने वाली रंगोली बहुत फेमस होती है जिसे पूकलम कहते हैं। इस रंगोली में कुछ खास तरह के फूलों का इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें शायद आपने भी कभी तस्वीरों में देखा हो। पूकलम दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पू का मतलब है फूल और कोलम का मतलब है सजाने वाला पैटर्न जिसे आमतौर पर हम रंगोली भी कहते हैं। केरल में इसे बहुत पवित्र माना जाता है और फर्श को बहुत से फूलों से सजाया जाता है। इसे ओना पूकलम या अथापूकलम भी कहा जाता है। इसे रंगोली की तरह ही घर के आंगन में, घर के मुख्य द्वार पर और मंदिर के आस-पास बनाया जाता है।

Read More: Rakshabandhan 2023: रक्षाबंधन पर नहीं जा पा रहे घर तो इन आसान टिप्स को करें फॉलो, 2 घंटे से भी कम समय में पहुंच जाएगी राखी 

कब से शुरू किया जाता है पूकलम बनाना?

ओणम 10 दिन का त्यौहार होता है और हर दिन पूकलम भी अलग तरह से ही बनाया जाता है। पूकलम की शुरुआत आतम दिन या पहले दिन से होती है जिसमें सिर्फ पीले फूलों से ही पूकलम बनाया जाता है। इसके बाद एक-एक दिन में पूकलम का साइज बढ़ाया जाता है और इसमें कई तरह के फूलों का समावेश होता है। पूकलम में हमेशा ताजे फूल ही इस्तेमाल किए जाते हैं और इसे बनाने के लिए हमेशा कुंवारी कन्याओं या ऐसी महिलाओं को चुना जाता है जिनकी शादी हाल ही में हुई है।

पूकलम में किन फूलों का इस्तेमाल होता है?

पूकलम में हमेशा तुलसी को रखा जाता है। तुलसी फूल नहीं है, लेकिन इसका पूकलम में होना जरूरी है। इसे ऐसी जगह पर लगाया जाता है जहां इसपर पैर ना पड़े। इसके अलावा, पूकलम में इस तरह के फूलों को सजाया जाता है…

थुंबा

थुंबा एक छोटा सा फूल होता है जिसके बिना पूकलम नहीं बनाया जा सकता है। कुछ जगहों पर पहले दिन पूकलम में सिर्फ इसी फूल को लगाया जाता है।

जामंथी

जामंथी के कई प्रकार आते हैं और दो से तीन वैरायटी के फूल पूकलम में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इस तरह के फूल से पूकलम भरा हुआ लगता है और ये उसमें बहुत से रंगों को एड करते हैं।

शंखपुष्पम

शंखपुष्पम या Butterfly Pea फूल चमकीले नीले रंग का होता है जिसके सेंटर में पीले रंग का हिस्सा होता है। यह केरल में बहुत आसानी से मिल जाता है और इसलिए यह बहुत ही चर्चित फूल है पूकलम बनाने के लिए।

Read More: 20 दिन बाद लगने वाली है इन पांच राशि के जातकों का लॉटरी, व्यापार में मिलेगी सफलता, होगा बंपर लाभ 

चेत्थी

यह लाल रंग का छोटा सा फूल होता है जो गुच्छों में खिलता है। इससे पूकलम में बहुत खूबसूरत लाल रंग भरा जाता है।

गेंदा

गेंदा पूकलम का बहुत ही महत्वपूर्ण फूल है जिसे इसके साइज बड़ा करने के साथ-साथ बहुत ही अनोखी डिजाइन्स बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। पूकलम में गेंदा और जामंथी की मदद से भरी हुई डिजाइन्स बनाई जाती हैं।

हरी पत्तियां

यह निर्भर करता है कि आप केरल के किस हिस्से में हैं। हरी पत्तियां पूकलम के लिए बहुत जरूरी हैं। पूकलम बनाने के लिए अलग-अलग रंगों का इस्तेमाल करने के लिए और भी कुछ फूल जैसे गुलाब इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन गुलाब सबसे कम इस्तेमाल होता है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें