Allahabad High Court on Rape Case: “पीड़िता ने खुद मुसीबत को न्योता दिया” रेप के आरोपी को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कह दी ये बड़ी बात

रेप के आरोपी को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कह दी ये बड़ी बात...Allahabad High Court on Rape Case: "The victim herself invited trouble

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  • Publish Date - April 11, 2025 / 11:55 AM IST,
    Updated On - April 11, 2025 / 11:55 AM IST

Allahabad High Court on Rape Case | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • रेप केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी,
  • कोर्ट ने कहा- पीड़िता ने खुद मुसीबत को न्योता दिया,
  • एमए छात्रा से यौन शोषण के आरोपी को मिली जमानत,

प्रयागराज: Allahabad High Court on Rape Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा की एक एमए छात्रा द्वारा दर्ज कराए गए रेप मामले में आरोपी युवक को जमानत देते हुए एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। जस्टिस संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने कहा कि यदि पीड़िता के आरोपों को सही भी मान लिया जाए, तो यह माना जा सकता है कि उसने खुद ही मुसीबत को आमंत्रित किया। वह स्वयं इसके लिए जिम्मेदार है। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता एक शिक्षित और बालिग युवती है जो अपने कृत्य की नैतिकता और प्रभाव को समझने में सक्षम है। यह मामला सितंबर 2024 का है, जब नोएडा की सेक्टर 126 थाना पुलिस ने छात्रा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की थी।

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क्या था मामला?

Allahabad High Court on Rape Case: 1 सितंबर 2024 को दर्ज कराई गई एफआईआर में पीड़िता ने कहा कि वह नोएडा के सेक्टर 126 स्थित एक पीजी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी। 21 सितंबर को वह अपनी दोस्तों के साथ दिल्ली के हौज खास इलाके में पार्टी में गई थी। पार्टी में तीन पुरुष दोस्त भी शामिल हुए जिनमें से एक था निश्चल चांडक। पीड़िता ने आरोप लगाया कि शराब के नशे में वह काफी कमजोर महसूस कर रही थी और इसी बीच निश्चल उसे अपने साथ ले गया। छात्रा ने पहले नोएडा के अपने पीजी चलने को कहा, लेकिन आरोपी उसे गुरुग्राम स्थित एक फ्लैट में ले गया, जहां उसके साथ दो बार रेप किया गया। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर जांच शुरू की और निश्चल चांडक को 11 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

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आरोपी का पक्ष और कोर्ट की दलीलें

Allahabad High Court on Rape Case: निश्चल ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की। उसके वकील ने तर्क दिया कि पीड़िता और आरोपी दोनों बालिग हैं, और पीड़िता ने खुद स्वीकार किया कि वह पार्टी में शामिल हुई, शराब पी और देर रात तक दोस्तों के साथ रही। कोर्ट ने पाया कि मेडिकल रिपोर्ट में हाइमन टूटा पाया गया, लेकिन यौन हिंसा के स्पष्ट संकेत नहीं मिले। कोर्ट ने यह भी माना कि पीड़िता की ओर से घटना के बाद कोई मेडिकल आपातकालीन रिपोर्ट नहीं दी गई थी जो ज़बरदस्ती की पुष्टि करती।

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कोर्ट की टिप्पणी और आदेश

Allahabad High Court on Rape Case: कोर्ट ने कहा की पीड़िता एमए की छात्रा है और अपने निर्णय लेने में सक्षम है। उसके बयान से प्रतीत होता है कि वह अपने फैसले खुद ले रही थी। ऐसे में यदि उसके साथ कुछ हुआ तो यह कहा जा सकता है कि वह स्वयं भी उसकी ज़िम्मेदार है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जमानत का अर्थ अभियोजन को कमजोर करना नहीं होता बल्कि यह आरोपी के कानूनी अधिकारों की रक्षा का हिस्सा है। जमानत देते हुए कोर्ट ने माना कि आरोपी के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, वह 11 दिसंबर से जेल में है और उसके द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं दिखती। इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाना न्यायोचित है।

"रेप केस नोएडा छात्रा" में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?

"रेप केस नोएडा छात्रा" मामले में कोर्ट ने आरोपी निश्चल चांडक को जमानत दी और टिप्पणी की कि पीड़िता बालिग और शिक्षित है, जो अपने फैसले खुद लेने में सक्षम है।

"रेप केस नोएडा छात्रा" में मेडिकल रिपोर्ट का क्या निष्कर्ष था?

मेडिकल रिपोर्ट में हाइमन टूटा पाया गया, लेकिन यौन हिंसा के स्पष्ट संकेत नहीं मिले। कोर्ट ने इसे जमानत देने का एक महत्वपूर्ण आधार माना।

क्या "रेप केस नोएडा छात्रा" में आरोपी पहले से आपराधिक इतिहास वाला था?

नहीं, "रेप केस नोएडा छात्रा" में आरोपी निश्चल चांडक का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

क्या "रेप केस नोएडा छात्रा" की जांच अभी जारी है?

हाँ, "रेप केस नोएडा छात्रा" की जांच पुलिस द्वारा जारी है, और कोर्ट का यह फैसला केवल जमानत तक सीमित है, अंतिम दोषसिद्धि नहीं।

"रेप केस नोएडा छात्रा" में कोर्ट की टिप्पणी का क्या मतलब है?

कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जमानत का अर्थ अभियोजन को कमजोर करना नहीं है, बल्कि यह आरोपी के कानूनी अधिकारों की रक्षा करना है। साथ ही, पीड़िता की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया गया।