नई दिल्लीः इजरायल और ईरान के बीच शुरू हुई जंग की आग फिलहाल थम गई है। 12 दिनों तक चले इस खूनी संघर्ष में ईरान के परमाणु ठिकानों को इस जंग में कितना नुकसान पहुंचा है, इसे लेकर स्थिति पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। इस बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने गुरुवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान देते हुए दावा किया कि उनकी देश ने इजरायल पर जीत दर्ज की है और अमेरिका को भी करारा जवाब दिया है। उन्होंने असल में ऐसा कहा कि “ईरान ने अमेरिका के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा है।” खामेनेई ने यह टिप्पणी युद्धविराम की घोषणा के बाद की, जो अमेरिका की मध्यस्थता से मंगलवार को लागू हुआ था।
खामेनेई ने कहा, “इस्लामी गणराज्य विजयी रहा और बदले में अमेरिका के चेहरे पर तमाचा मारा।” उनका यह बयान उन खबरों के बाद आया जिसमें कहा गया था कि ईरान ने सोमवार को कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल हमला किया था। हालांकि, इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई। खामेनेई ने अपने संबोधन में अमेरिका पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “अमेरिका ने केवल इसलिए हस्तक्षेप किया क्योंकि उसे लगा कि अगर उसने हस्तक्षेप नहीं किया, तो जायोनिस्ट शासन (इजरायल) पूरी तरह तबाह हो जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को इस युद्ध से कोई लाभ नहीं हुआ।
ईरान के अधिकारियों ने बताया है कि 13 जून को इजरायली हमलों की शुरुआत के बाद से ईरानी सुरक्षा बल अलर्ट हैं। एक वरिष्ठ ईरानी सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि देश में रिवोल्यूशनरी गार्ड और अर्धसैनिक यूनिट्स को अलर्ट पर रखा गया है। अधिकारी ने कहा कि अधिकारी इजरायली एजेंटों, अलगाववादियों और पीपुल्स मुजाहिदीन संगठन को लेकर सतर्क हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि पाकिस्तान, इराक और अजरबैजान की सीमाओं पर सैनिकों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी तरह की घुसपैठ पर नजर रखी जा सके। वहीं इजराइली हमलों की शुरुआत के बाद घर-घर की तलाशी भी ली गई थी।