बर्खास्त शिक्षकों के समर्थन में बृजमोहन अग्रवाल ने लिखा पत्र, सीएम से ⁠शिक्षकों के समायोजन की सिफारिश की

Brijmohan Agrawal wrote a letter to cm sai: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर इन शिक्षकों को ONE TIME EXEMPTION (एक बार छुट) प्रदान करते हुए प्रयोगशाला सहायक/ व्यायाम शिक्षक जैसे समकक्ष पदों पर समायोजित करने की मांग की है।

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  • Publish Date - April 7, 2025 / 11:19 PM IST,
    Updated On - April 7, 2025 / 11:28 PM IST

Brijmohan Agrawal wrote a letter to cm sai, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • आंदोलनरत शिक्षकों को लेकर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लिखा पत्र
  • शिक्षकों की बहाली की सिफारिश के लिए लिखा पत्र
  • जारी विज्ञप्ति में सरकार को लेकर भी तल्ख टिप्पणी

रायपुर: Brijmohan Agrawal wrote a letter to cm sai , रायपुर से BJP सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बीएड डिग्रीधारी बर्खास्त शिक्षकों के समर्थन में CM विष्णु देव साय को पत्र लिखा है। उन्होंने यह पत्र बर्खास्त BED सहायक शिक्षकों की मांग पर लिखा है। बृजमोहन ने पत्र में लिखा है कि बर्खास्त शिक्षकों को समकक्ष पदों पर समायोजन करें। बृजमोहन अग्रवाल ने ⁠⁠जारी विज्ञप्ति में सरकार को लेकर भी तल्ख टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने कहा कि सत्ता का अर्थ सिर्फ़ शासन नहीं, लोगों के आँसू पोंछना भी है। मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं जल्द निर्णय लें, जिससे युवाओं का भविष्य बर्बाद न हो।

रायपुर सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश के 2621 बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की पीड़ा को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर इन शिक्षकों को ONE TIME EXEMPTION (एक बार छुट) प्रदान करते हुए प्रयोगशाला सहायक/ व्यायाम शिक्षक जैसे समकक्ष पदों पर समायोजित करने की मांग की है।

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Brijmohan Agrawal wrote a letter to cm sai, बृजमोहन अग्रवाल ने अपने पत्र में यह स्पष्ट किया कि वर्ष 2023 में राज्य सरकार द्वारा जारी की गई भर्ती प्रक्रिया में तकनीकी कारणों से नियुक्त सहायक शिक्षकों को 16 माह की सेवा के उपरांत बर्खास्त कर दिया गया। यह निर्णय इन शिक्षकों और उनके परिवारों पर आर्थिक और मानसिक संकट बनकर टूटा है। अधिकतर शिक्षक मध्यम वर्गीय व बीपीएल परिवारों से आते हैं और अब बेरोजगारी के चलते उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि ये युवा राज्य की शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बन चुके थे और आज वे मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक पीड़ा से गुजर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि राज्य सरकार संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए इन शिक्षकों को समकक्ष पदों पर एक बार की विशेष छूट (ONE TIME EXEMPTION) के माध्यम से समायोजित करे।

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उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य के मिडिल और हाई स्कूलों में प्रयोगशाला सहायक जैसे कई समकक्ष पद रिक्त हैं, जिन पर इन योग्यताधारी बर्खास्त शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है। सांसद ने यह मांग की है कि राज्य सरकार संवेदनशीलता दिखाते हुए संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुरूप जीवन रक्षा के अपने कर्तव्यों का पालन करे और इन शिक्षकों के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाए।

बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि, “सत्ता में होने का अर्थ केवल शासन करना नहीं, पीड़ितों के आँसू पोंछना भी है। ये शिक्षक सिर्फ रोजगार नहीं, प्रदेश की भविष्य की नींव को संवारने वाले थे। मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूँ कि इस मामले में मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर जल्द निर्णय लें।” अग्रवाल के इस हस्तक्षेप से बर्खास्त शिक्षकों में आशा की नई किरण जगी है।

1. बर्खास्त सहायक शिक्षकों की बर्खास्तगी का कारण क्या था?

उत्तर: वर्ष 2023 में राज्य सरकार द्वारा की गई भर्ती प्रक्रिया में तकनीकी खामियों के कारण 2621 बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को नियुक्ति के 16 महीने बाद बर्खास्त कर दिया गया। इस निर्णय ने उनके आर्थिक और मानसिक जीवन को प्रभावित किया।

2. बृजमोहन अग्रवाल ने इन शिक्षकों के लिए क्या मांग की है?

उत्तर: BJP सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बर्खास्त शिक्षकों को ONE TIME EXEMPTION (एक बार की विशेष छूट) देकर प्रयोगशाला सहायक या व्यायाम शिक्षक जैसे समकक्ष पदों पर समायोजित करने की सिफारिश की है।

3. क्या राज्य में ऐसे समकक्ष पद रिक्त हैं जिन पर समायोजन संभव है?

उत्तर: हाँ, सांसद अग्रवाल ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि मिडिल और हाई स्कूलों में प्रयोगशाला सहायक जैसे समकक्ष पद रिक्त हैं, जिन पर इन योग्य बर्खास्त शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है।

4. इस पत्र का क्या असर हुआ है?

उत्तर: सांसद अग्रवाल के हस्तक्षेप से बर्खास्त शिक्षकों में नई उम्मीद जगी है। उनके इस समर्थन से सरकार पर मानवीय दृष्टिकोण से निर्णय लेने का दबाव बढ़ा है।

5. क्या सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया दी है?

उत्तर: अब तक मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन पत्र और मीडिया कवरेज के चलते यह मामला अब सरकार के संज्ञान में है और निर्णय की उम्मीद जताई जा रही है।