Saudi Arab had given warning to Iran, image source: reuters
नईदिल्ली: Saudi Arab had given warning to Iran, ईरान और अमेरिका के बीच चल रही परमाणु वार्ता के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। खबर है कि कुछ समय पहले सऊदी अरब ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी थी। यह चेतावनी सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के छोटे भाई और रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने खुद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को दी थी।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को खाड़ी क्षेत्र के दो सूत्रों और दो ईरानी अधिकारियों ने बताया कि यह मुलाकात 17 अप्रैल को तेहरान के राष्ट्रपति भवन परिसर में एक बंद कमरे में हुई थी। इस बैठक में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान, चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची भी मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार, सऊदी अरब के 89 वर्षीय किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज ने अपने बेटे प्रिंस खालिद को खास तौर पर ईरान भेजा था। मकसद था – ईरानी नेतृत्व को क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता से बचाने के लिए चेतावनी देना।
प्रिंस खालिद, जो ट्रंप के पहले कार्यकाल में अमेरिका में सऊदी राजदूत रह चुके हैं, ने बैठक के दौरान ईरानी अधिकारियों से साफ-साफ कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप धैर्यवान नहीं हैं और लंबी वार्ता के पक्षधर नहीं हैं। उन्होंने ईरान को सलाह दी कि परमाणु समझौते को गंभीरता से लें क्योंकि अमेरिका जल्द समझौता करना चाहेगा।
प्रिंस खालिद ने चेतावनी दी कि अगर यह वार्ता विफल हुई तो इजरायल द्वारा सैन्य कार्रवाई की संभावना प्रबल है। उन्होंने कहा कि गाजा और लेबनान में पहले से ही युद्ध जारी हैं, ऐसे में ईरान में नया संघर्ष पूरे क्षेत्र को गंभीर खतरे में डाल सकता है।
यह यात्रा खास इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि यह दो दशक से भी ज्यादा समय में पहली बार था जब सऊदी शाही परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य ने ईरान का दौरा किया। सऊदी अरब और ईरान ऐतिहासिक रूप से कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं और अक्सर क्षेत्रीय संघर्षों में विरोधी गुटों का समर्थन करते आए हैं।
हालांकि, 2023 में चीन की मध्यस्थता से दोनों देशों ने अपने राजनयिक संबंध बहाल किए थे। लेकिन इस ताज़ा चेतावनी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भले ही रिश्तों में सुधार हुआ हो, पर सऊदी अरब अब भी ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर बेहद सतर्क है।
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