Personal Law Board on Waqf Bill: वक्फ विधेयक को वापस ले सरकार, पारित हुआ तो करेंगे आंदोलन, पर्सनल लॉ बोर्ड ने दी चेतावनी
Personal Law Board on Waqf Bill : बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि यदि विधेयक को पारित किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
- विधेयक को पारित किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन
- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को धार्मिक भेदभाव पर आधारित करार दिया
नयी दिल्ली: Personal Law Board on Waqf Bill, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को धार्मिक भेदभाव पर आधारित तथा संविधान के मूल्यों के खिलाफ करार दिया और कहा कि सरकार को ‘सबका साथ, सबका विकास’ के अपने नारे पर अमल करते हुए इस विधेयक को वापस लेना चाहिए। बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि यदि विधेयक को पारित किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने यह बयान उस वक्त दिया जब बृहस्पतिवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को लोकसभा और राज्यसभा के पटल पर रखा गया। रहमानी ने कहा, ‘हम समझते हैं कि सरकार के पास अभी मौका है कि वह इस विधेयक को वापस लेकर सबका साथ, सबका विकास के अपने नारे पर अमल करे।’ उनका कहना था, ‘यदि विधेयक संसद में पारित हुआ तो स्वीकार नहीं करेंगे।’
Personal Law Board on Waqf Bill, उन्होंने कहा कि वक्फ को लेकर कई तरह का झूठ फैलाया गया है और वक्फ संविधान में निहित अधिकार के तहत है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह रिपोर्ट धार्मिक भेदभाव पर आधारित है। रहमानी ने कहा कि जितना अधिकार अन्य धर्मों के लिए हो, उतना मुस्लिम समुदाय का भी होना चाहिए।
रहमानी ने आरोप लगाया, ‘सरकार को सच्चाई से चिढ़ है। झूठ बोलती है और झूठ फैलाती है।’ उन्होंने कहा कि यह कोई हिंदू मुस्लिम की लड़ाई नहीं है, अल्पसंख्यक बहुसंख्यक की लड़ाई नहीं है, यह इंसाफ की लड़ाई है। उनका यह भी कहना था कि उम्मीद है कि मजलूमों की इस लड़ाई में सभी लोग साथ देंगे।
रहमानी ने यह दावा भी किया कि एक समुदाय को नुकसान पहुंचाने और दबाव में रखने के लिए यह समान नागरिक संहिता का राग छेड़ा गया है। उन्होंने कहा, ‘हमें यह स्वीकार नहीं है। कानून के दायरे में रहकर हम किसी भी हद तक लड़ाई लड़ेंगे।’

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