CG Teacher bharti: सात हजार से अधिक एकल शिक्षक स्कूलों में भेजे जाएंगे शिक्षक, युक्तियुक्तकरण के बाद हो सकती है शिक्षकों की भर्ती

CG teacher bharti: वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है आगामी शिक्षण सत्र से पहले 7 हजार से अधिक एकल शिक्षक स्कूलों को शिक्षक मिल जाएंगे।

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  • Publish Date - May 18, 2025 / 05:39 PM IST,
    Updated On - May 18, 2025 / 05:40 PM IST

cm sai on Sushasan tihar, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • 5 हजार 165 स्कूलों में अतिशेष शिक्षक
  • कुल 5 हजार 536 शिक्षकों की आवश्यकता
  • युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया होने के बाद शिक्षकों की भर्ती पर विचार

रायपुर: CG teacher bharti, छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और स्कूलों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच स्कूल शिक्षा विभाग ने प्राइमरी और मिडिल स्कूलों की संख्या, शिक्षकों की संख्या, शिक्षक विहीन स्कूलों की संख्या, एकल शिक्षक स्कूलों की संख्या और अतिशेष शिक्षकों की संख्या बताया है। तो वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है आगामी शिक्षण सत्र से पहले 7 हजार से अधिक एकल शिक्षक स्कूलों को शिक्षक मिल जाएंगे।

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के दिशा निर्देशों के अनुरूप शिक्षकों और स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है‌। ताकि शिक्षक संसाधनों का अधिकतम और समान उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। स्कूल शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ के 30 हजार 700 प्राइमरी स्कूलों में 77 हजार 845 शिक्षक हैं। इनमें से 212 स्कूल शिक्षक विहीन है और 6 हजार 872 स्कूल एकल शिक्षक हैं। और 1500 से ज्यादा स्कूलों में अतिशेष शिक्षक हैं।

5 हजार 165 स्कूलों में अतिशेष शिक्षक

इसी तरह 13 हजार 149 मिडिल स्कूल में 55 हजार 692 शिक्षक हैं। शिक्षक विहीन मिडिल स्कूलों की संख्या 48 और एकल शिक्षक स्कूल की संख्या 255 है। जबकि 5 हजार 165 स्कूलों में अतिशेष शिक्षक हैं। युक्ति युक्त करण के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में 60 छात्रों तक दो सहायक शिक्षक और मिडिल स्कूल में 105 छात्रों तक तीन शिक्षक और एक प्रधान पाठक होंगे।

आंकड़ों के अनुसार यदि शिक्षक विहीन प्राइमरी स्कूलों में 2-2 तथा एकल शिक्षकीय स्कूलों में 1-1 अतिरिक्त शिक्षक की नियुक्ति की जाए तो कुल 7 हजार 296 सहायक शिक्षकों की आवश्यकता होगी, जबकि उपलब्ध अतिशेष सहायक शिक्षक केवल 3 हजार 608 हैं।

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कुल 5 हजार 536 शिक्षकों की आवश्यकता

इसी प्रकार मिडिल स्कूलों पर शिक्षक विहीन शालाओं में 4, एकल शिक्षकीय में 3, दो शिक्षकीय में 2 और तीन शिक्षकीय में 1 अतिरिक्त शिक्षक की आवश्यकता होगी। इस मानक के अनुसार कुल 5 हजार 536 शिक्षकों की आवश्यकता बनती है, जबकि केवल 1 हजार 762 शिक्षक ही अतिशेष हैं।

युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया होने के बाद शिक्षकों की भर्ती पर विचार

इस पर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा युक्तियुक्तकरण राज्य के हित में है। आवश्यकता होगी तो शिक्षकों की भर्ती होगी। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया होने के बाद पता चलेगा शिक्षकों की कमी है या नहीं।

इससे यह स्पष्ट है कि राज्य में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त होने के बावजूद उनका वितरण असमान है। कुछ विद्यालयों में जहां शिक्षक नहीं हैं, वहीं अन्य विद्यालयों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक पदस्थ हैं। ऐसे में अब इंतजार करना होगा युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद क्या आंकड़े सामने आते हैं?

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युक्तियुक्तकरण (Rationalization) क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?

उत्तर: युक्तियुक्तकरण का अर्थ है उपलब्ध शिक्षकों और स्कूलों का ऐसा समुचित वितरण करना जिससे सभी स्कूलों में समान रूप से शिक्षक उपलब्ध हो सकें। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कहीं शिक्षक विहीन स्कूल न रहें और कहीं पर शिक्षक अधिक संख्या में न हों।

छत्तीसगढ़ में कितने स्कूल एकल शिक्षक और शिक्षक विहीन हैं?

उत्तर: प्राइमरी स्कूल: शिक्षक विहीन: 212 एकल शिक्षक: 6,872 मिडिल स्कूल: शिक्षक विहीन: 48 एकल शिक्षक: 255

क्या राज्य सरकार नए शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है?

उत्तर: सरकार का कहना है कि पहले युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यदि उसके बाद भी शिक्षकों की कमी पाई जाती है, तब नई भर्तियाँ की जाएंगी। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री दोनों ने यह स्पष्ट किया है।

कितने अतिरिक्त शिक्षकों की आवश्यकता और उपलब्धता है?

उत्तर: प्राइमरी स्कूलों में आवश्यकता: 7,296 सहायक शिक्षक उपलब्ध: 3,608 मिडिल स्कूलों में आवश्यकता: 5,536 शिक्षक उपलब्ध: 1,762