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Pakhanjur News: पखांजूर: छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले में पखांजूर मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित मूरडोडा गांव आज अपने ही दम पर वो काम कर रहा है, जिसे वर्षों से शासन और प्रशासन नजरअंदाज करता आ रहा है। यहां के ग्रामीणों ने ठान लिया है कि अगर सरकार उनकी नहीं सुनेगी, तो वो खुद अपनी सड़क बनाएंगे, और वो भी चंदा इकट्ठा करके।
100 से अधिक परिवारों वाले इस गांव तक एक कच्ची सड़क ज़रूर है, लेकिन हर साल बारिश में वह कीचड़ में तब्दील हो जाती है। हालत यह है कि गर्भवती महिलाओं को खाट पर उठाकर अस्पताल तक ले जाना पड़ता है, और स्कूली बच्चों को फिसलती पगडंडियों से होकर दूसरे गांव पढ़ने जाना पड़ता है।
Pakhanjur News: पंचायत से लेकर विधायक और सांसद तक, ग्रामीण हर दरवाज़े पर जाकर गुहार लगा चुके हैं। कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक की सरकारें आईं और गईं, लेकिन इस गांव के हिस्से सिर्फ वादे और इंतज़ार ही आए। पंचायत से जब मरम्मत की बात होती है तो ‘फंड नहीं है’ का जवाब थमा दिया जाता है। नतीजा, गांव आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है।
आखिरकार ग्रामीणों ने अपनी मेहनत और आपसी सहयोग से एक मिसाल कायम की। सबने मिलकर चंदा जुटाया, और अब खुद फावड़ा, बेलचा लेकर सड़क मरम्मत में जुट गए हैं। पिछले दो दिनों से लगातार सड़क सुधारने का काम चल रहा है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक कोई भी ज़िम्मेदार अधिकारी या जनप्रतिनिधि हाल तक पूछने तक नहीं आया।
Pakhanjur News: ग्रामीणों का कहना है कि, “हम हर चुनाव में वोट डालते हैं। नेता आते हैं, वादे करते हैं लेकिन चुनाव के बाद न कोई लौटता है, न वादे निभते हैं। अब हमें किसी से उम्मीद नहीं, खुद ही अपने बच्चों और बीमारों के लिए रास्ता बना रहे हैं।”
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