सॉल्वर ने दी परीक्षा, असली उम्मीदवार पहुंचे जॉइनिंग पर,
23 उम्मीदवारों में से 3 फर्जी निकले,
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श्योपुर: Police Constable Recruitment Scam in MP: मध्यप्रदेश की आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। पुलिस ने तीन फर्जी उम्मीदवारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है, जिन्होंने खुद परीक्षा नहीं दी बल्कि सॉल्वर को परीक्षा में बैठाकर जॉइनिंग हासिल करने की कोशिश की।
Police Constable Recruitment Scam in MP: श्योपुर जिले में जब हाल ही में चयनित अभ्यर्थियों की जॉइनिंग प्रक्रिया शुरू हुई तब 23 उम्मीदवारों में से 3 फर्जी निकले जिनकी पहचान अमन सिंह सिकरवार, सोनू रावत और संतोष रावत के रूप में हुई है। पुलिस जांच में सामने आया कि इन तीनों ने परीक्षा से ठीक पहले और बाद में अपने आधार कार्ड में फोटो और फिंगरप्रिंट दो बार अपडेट करवाए।
Police Constable Recruitment Scam in MP: अमन सिंह सिकरवार ने 15 जुलाई, 8 सितंबर और 3 अक्टूबर 2023 को, सोनू रावत ने 18 जुलाई और 29 अगस्त 2023 को, संतोष रावत ने 21 मई और 21 अगस्त 2023 को आधार बायोमेट्रिक डेटा में बदलाव किया। इन बदलावों से साफ हो गया कि परीक्षा में कोई और बैठा और जॉइनिंग के समय असली अभ्यर्थी सामने आया।
Police Constable Recruitment Scam in MP: इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जांच समिति ने आधार कार्ड का पूरा इतिहास खंगाला। जांच में साफ हो गया कि फोटो और फिंगरप्रिंट में बदलाव कर आधार का दुरुपयोग किया गया। इसी आधार पर धारा 419, 420 IPC और मध्यप्रदेश परीक्षा अधिनियम के तहत कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
Police Constable Recruitment Scam in MP: श्योपुर के पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन ने बताया की जॉइनिंग के दौरान इन तीनों की गतिविधियां संदिग्ध लगीं। पूछताछ में भी ये साफ-साफ जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद हमने भोपाल मुख्यालय को जानकारी दी और सघन जांच शुरू की गई।
MP पुलिस भर्ती परीक्षा में "फर्जीवाड़ा" कैसे पकड़ा गया?
फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ जब श्योपुर में चयनित उम्मीदवारों की जॉइनिंग प्रक्रिया के दौरान तीन अभ्यर्थियों की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं। आधार कार्ड के इतिहास की जांच करने पर पता चला कि इन अभ्यर्थियों ने परीक्षा से पहले और बाद में अपने बायोमेट्रिक डेटा में बदलाव करवाया था।
"फर्जीवाड़ा" करने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ कौन-कौन सी धाराएं लगी हैं?
इन तीन फर्जी उम्मीदवारों के खिलाफ IPC की धारा 419 (व्यक्ति का छलपूर्वक प्रतिरूप धारण करना), 420 (धोखाधड़ी) और मध्यप्रदेश परीक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
"फर्जीवाड़ा" में अभ्यर्थियों ने क्या तरीका अपनाया?
अभ्यर्थियों ने खुद परीक्षा नहीं दी, बल्कि सॉल्वर को परीक्षा में बैठाया और बाद में आधार कार्ड की फोटो और फिंगरप्रिंट बदलवा कर जॉइनिंग की कोशिश की। इस तरह उन्होंने डिजिटल पहचान का दुरुपयोग किया।
क्या यह "फर्जीवाड़ा" सिर्फ श्योपुर तक सीमित है?
अभी तक यह मामला श्योपुर जिले में सामने आया है, लेकिन भोपाल मुख्यालय की जांच के बाद संभावना है कि इसी तरह के फर्जीवाड़े अन्य जिलों में भी सामने आ सकते हैं।
MP पुलिस भर्ती में "फर्जीवाड़ा" रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?