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Wildlife Trafficking: वन्यजीवों के प्राइवेट पार्ट की तस्करी का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार, मॉनिटर लिजर्ड से बारहसिंगा तक के अंग बरामद
वन्यजीवों के प्राइवेट पार्ट की तस्करी का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार...Wildlife Trafficking: Smuggling of wildlife's private parts exposed
Publish Date - June 29, 2025 / 02:35 PM IST,
Updated On - June 29, 2025 / 02:35 PM IST
Wildlife Trafficking | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
कोटा में वन्यजीव तस्करी का बड़ा खुलासा:
मॉनिटर लिजर्ड से बारहसिंगा तक के अंग बरामद,
दो आरोपी तस्कर गिरफ्तार,
कोटा:Wildlife Trafficking:राजस्थान के कोटा में वन विभाग की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए वन्यजीवों के प्राइवेट पार्ट की तस्करी का बड़ा खुलासा किया है इस मामले में दो लोगों को पकड़ा है जो की बावरी जाति के हैं और उनके पास से दो जीवित कछुआ बारहसिंगा के सिंह जंगली छिपकलियों के प्राइवेट पार्ट पक्षियों के पंजे पैंथर के नाखून और कुछ दांत बरामद किए हैं इसके अलावा इनको पकड़ने में काम आने वाले 6 फंदे भी वन विभाग की टीम ने कब्जे में लिए है।
Wildlife Trafficking: डीएफओ अनुराग भटनागर ने बताया कि शहर के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में वन विभाग की टीम को वन्य जीवों के अंगों की तस्करी की सूचना मिली थी। उनकी झोपडिय़ों पर छापा डाला और तलाशी ली। इस दौरान 28 जोड़ी मॉनिटर लिजर्ड मेल का प्राइवेट पार्ट मिले। बारहसिंगा के सिंग और पक्षियों के पंजे पैंथर का एक नाखून भी मिला। थोड़ी दूरी पर बनी एक झोपड़ी पर छापा मारा तो वहां पर 6 फंदे और दो जिंदा कछुए मिले थे।
Wildlife Trafficking: वन विभाग की टीम ने दो शिकारी दीपक और जयराम नाम के दो शिकारी को पकड़ा है वहीं इनकी झोपड़िया में अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे जहां से यह सामान बरामद किया है वन विभाग की टीम इस मामले में अनुसंधान में जुटी है।
वन्यजीवों के अंगों की तस्करी मुख्य रूप से अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र, और अवैध दवाओं में उपयोग के लिए की जाती है। कई बार इन्हें विदेशी बाजारों में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है।
"मॉनिटर लिजर्ड के प्राइवेट पार्ट" का क्या उपयोग होता है?
कुछ अंधविश्वासी मान्यताओं के अनुसार मॉनिटर लिजर्ड के अंगों को यौन शक्ति बढ़ाने या तंत्र क्रिया के लिए उपयोग किया जाता है, जो पूरी तरह अवैज्ञानिक और अवैध है।
"वन्यजीव संरक्षण कानून" के तहत क्या सजा हो सकती है?
भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत ऐसी तस्करी पर 3 से 7 साल तक की जेल और भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
"वन विभाग की कार्रवाई" कहां हुई थी?
यह कार्रवाई राजस्थान के कोटा जिले के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में की गई, जहां वन विभाग ने झोपड़ियों में छापा मारा और तस्करी में लिप्त दो लोगों को पकड़ा।
"वन्यजीव तस्करी की सूचना" कैसे दें?
अगर आपको किसी प्रकार की तस्करी या वन्यजीवों के अवैध व्यापार की जानकारी मिले तो तुरंत वन विभाग या नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित करें।