उज्जैन। 8th class Student Missing : मोबाइल गेम की गिरफ्त में बच्चों की सनक इतनी ज्यादा बढ़ चुकी इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, जब घर का मासूम बच्चा कोई घातक कदम उठाता है। हाल ही में गेम को लेकर बच्चों में इतनी क्रैज बढ़ चुका है कि बच्चे जान के दुश्मन तक बन गए है। ताजा मामला उज्जैन के चिमनगंज थाना क्षेत्र का है। यहां रहने वाला 15 साल का 8वीं क्लास का बच्चा मोबाइल गेम खेलने का इतना आदी हो चुका था कि मां के फोन में से गेम डिलीट करने पर वो घर से भाग गया। मां ने अपने लाड़ले का बहुत देर तक इंतजार किया लेकिन फिर भी वह नहीं लौटा तो फिर मां को पुलिस का सहारा लेना पड़ा।
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8th class Student Missing : दरअसल, गेम खेलने की लत से परेशान मां ने फोन से 2 दिन पहले गेम डिलीट कर दिया था, ये बात बच्चे को इतनी नागवार गुजरी की उसने घर छोड़ने का मन बना लिया। मंगलवार को जब मां उसे स्कूल छोड़ने के लिए बस स्टॉप पर गई तो, बच्चा बहाना करके वापस घर आया और मौका देखकर अपनी साइकिल उठाकर सीधे इंदौर के लिए रवाना हो गया। काफी देर बस स्टॉप पर इंतजार करने के बाद जब मां घर वापस लौटी तो घर में न लाड़ला मिला, न उसकी साइकिल। काफी तलाश करने के बाद भी जब उसका पता नहीं चला तो मां ने थक हार के चिमनगंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
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8th class Student Missing : पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बच्चे की तलाश शुरू की। आसपास के इलाको के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को बच्चा साइकिल से इंदौर रोड पर जाते दिखा। बच्चा अपने फोन को बार-बार ऑन ऑफ कर रहा था। जिसके बाद पुलिस को बच्चे के फोन की लोकेशन इंदौर की मरी माता चौराहे से मिली। पुलिस तत्काल इंदौर के लिए रवाना हुई और बच्चे को पकड़कर वापस उज्जैन लौटकर परिवार वालों के हवाले किया।
पुलिस की पकड़ में आए बच्चे से जब पूछा गया तो उसने बताया कि फोन से गेम डिलीट करने से वह गुस्से में था, जिस वजह से वह घर से भाग गया। आगे उसने बताया कि वो घर से भागने के पाद इंदौर पहुंचता, वहां अपनी साइकिल बेचता और फिर उस पैसों से मुंबई चला जाता। मुंबई पहुंचने के बाद वह किसी दुकान पर काम करता या फिर खुद का व्यवसाय शुरू करता। फिलहाल पुलिस ने समझा बुझा कर उसे परिजनों के पास छोड़ा, जिसके बाद मां ने राहत की सांस ली।