Naxalite Surrender Video: इस राज्य में 33 सालों बाद किसी नक्सली ने किया सरेंडर.. पार्टी की ACM सुनीता ने देखें किस तरह सौंपे अपने हथियार..

बालाघाट में 33 साल बाद किसी महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है। बीजापुर की एसीएम सुनीता ओयाम ने मध्यप्रदेश सरकार के सामने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया। जानिए पूरा मामला और सरकार की नई नीति।

  •  
  • Publish Date - November 3, 2025 / 02:18 PM IST,
    Updated On - November 3, 2025 / 04:03 PM IST

Balaghat Naxalite Surrender Video

HIGHLIGHTS
  • बालाघाट में 33 साल बाद नक्सली आत्मसमर्पण
  • बीजापुर की महिला नक्सली सुनीता ओयाम ने सौंपे हथियार
  • बालाघाट पुलिस छग मॉडल पर काम कर रही है

Balaghat Naxalite Surrender Video: बालाघाट: नक्सलवाद के खात्मे को लेकर केंद्र सरकार मिशन मोड में काम कर रही है। इसी बीच बालाघाट पुलिस भी नक्सलवाद खत्म करने के लिए छत्तीसगढ़ मॉडल पर काम कर रही है। इस अभियान के तहत उन्हें बड़ी सफलता मिली है। 33 सालों के बाद यहां किसी अन्य राज्य की महिला नक्सली ने सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण की पहल की है। छत्तीसगढ़ की सशस्त्र महिला नक्सली सुनीता ओयाम ने मध्यप्रदेश सरकार के सामने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया है।

2100 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

दरअसल, केंद्र सरकार नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सलमुक्त करने का दृढ़ संकल्प लिया गया है। इस संकल्प का असर भी दिखाई दे रहा है। अब तक छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में 2100 माओवादी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं।

छग मॉडल पर आगे बढ़ रही बालाघाट की पुलिस

Balaghat Naxalite Surrender Video: जानकारी के अनुसार, 90 के दशक से नक्सली हिंसा की आग में बालाघाट झुलस रहा है। मुखबिरी के शक में यहां सैकड़ों निर्दोष ग्रामीणों की जानें गई हैं। अब हिंसा की जड़ों को समाप्त करने के लिए बालाघाट पुलिस ने नया फॉर्मूला अपनाया है। पुलिस ने नक्सल प्रभावित इलाकों में एक नई पहल की है। छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण कर चुके टॉप माओवादी नेताओं के फ्लैक्स लगवाकर सक्रिय नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इन फ्लैक्स में बस्तर क्षेत्र के सुझाता उर्फ कोपुरा, रूपेश उर्फ वासुदेव राय और भूपति जैसे टॉप माओवादी नेताओं की तस्वीरें शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण किया है। इनमें यह भी बताया गया है कि अब तक 2100 से अधिक माओवादी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं।

1992 के बाद यह पहला सरेंडर

इस अभियान के तहत 1 नवंबर को थाना लांजी के चौरिया कैंप में सशस्त्र महिला नक्सली सुनीता ओयाम, निवासी बीजापुर, ने आत्मसमर्पण किया। उसने हथियार त्यागकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। यह मध्यप्रदेश आत्मसमर्पण, पुनर्वास एवं राहत नीति 2023 के तहत पहला आत्मसमर्पण है। वर्ष 1992 के बाद यह पहला अवसर है जब किसी अन्य राज्य की महिला नक्सली ने मध्यप्रदेश सरकार के समक्ष हथियार डाले हैं। सरकार की “समर्पण करो, जीवन सुधारो” मुहिम से प्रेरित होकर उसने लोकतंत्र और संविधान पर विश्वास जताते हुए यह निर्णय लिया।

कौन है सुनीता ओयाम?

Balaghat Naxalite Surrender Video: सुनीता ओयाम नक्सली संगठन में एरिया कमांडर (ACM) के पद पर थी। वह इंसास रायफल से लैस हथियारबंद दल में सक्रिय थी। वह एमएमसी जोन में काम कर रही थी और 2022 से संगठन से जुड़ी हुई थी।

बालाघाट पुलिस लगातार नई रणनीतियां अपना रही है। गांव-गांव समस्या निवारण शिविर, रोजगार के अवसर और सामाजिक संवाद जैसी पहलें की जा रही हैं। पुलिस ग्रामीणों से अपील कर रही है कि वे माओवादियों को समझाएं कि हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटें। पुलिस का मानना है कि जब नक्सल आंदोलन के बड़े चेहरे ही हिंसा का रास्ता छोड़ चुके हैं, तो बालाघाट के सक्रिय नक्सलियों को भी इस दिशा में आगे आना चाहिए। पुलिस कप्तान का कहना है कि उनका उद्देश्य माओवादियों को पुनर्वास नीति के माध्यम से समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें।

इन्हें भी पढ़ें:

आत्मसमर्पण नीति का नाम क्या है?

मध्यप्रदेश आत्मसमर्पण, पुनर्वास एवं राहत नीति 2023।”

अब तक कितने माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं?

छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में लगभग 2100 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

यह आत्मसमर्पण विशेष क्यों है?

1992 के बाद पहली बार किसी अन्य राज्य की महिला नक्सली ने मध्यप्रदेश में आत्मसमर्पण किया है।