Reported By: Hiten Chauhan
,Shadi Me Vivad | Source : File Photo
बालाघाट। Dulha-Dulhan News: एमपी के बालाघाट में एक अंतरजातीय विवाह का मामला सामने आया है। जिसमें लड़के ने अपने समाज की लड़की से शादी ना कर अन्य समाज की लड़की से प्रेम विवाह का लिया। जिसके बाद लड़के के परिवार को उसके समाज ने बहिष्कृत कर दिया गया। अब यह मामला मानवाधिकार आयोग के पास पहुंचा चुका हूं। वही जब पिता ने धूम धाम से शादी करने की सोची और सबको बुलाना चाहा तो 31 हजार रुपए के अर्थदंड और बकरा खिलाने की बात आई सामने जिसके चलते पीड़ित पिता के द्वारा न्याय की गुहार लगाई जा रही है।
हम सभी इस आधुनिक युग में जी रहे हैं और इस आधुनिकता के युग में जाति धर्म से परे होकर हम सब एक है कि भावना के साथ मिल कर इस समाज में रह रहे है लेकिन कही न कही जाति और वर्ण व्यवस्था आज भी समाज के भीतर दीमक की तरह समाज को खोखला कर रही है जिसका उदाहरण सामने आया है और मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा है। जहां अन्य समाज की बहू ब्याहकर लाने पर एक पिता को मानसिक रूप से परेशान होना पड़ रहा है और सामाजिक बहिष्कार भी कर दिया गया है। यही नहीं अंतरजातीय विवाह करने पर जुर्माने के तौर पर 31 हजार रूपये का अर्थदंड तथा एक बकरा स्वजातीय लोगो को खिलाने की मांग की गई।
बालाघाट के गर्रा के रहने वाले पीड़ित पिता श्रीराम मालाधारी ने मानव अधिकार आयोग के सदस्य के पास लिखित शिकायत दी है कि उनका बेटा विशाल और पूजा मेश्राम अलग अलग जाति के होने के बाद भी एक दूसरे को पसंद करते थे जिसके चलते उन्होंने दोनों का विवाह 15 फरवरी को कराया और जब वह शादी का पत्रिका बांट रहे थे तब समाज के लोगों ने विरोध किया और कहा कि लड़की दूसरे समाज की जिसके चलते आपको जुर्माने के तौर पर 31 हजार रु देना होगा साथ ही एक बकरा कांट कर खिलाना पड़ेगा। तभी इस विवाह में हमारी सहमती होगी और हम शादी में शामिल होंगे।