Ravindra Gupta Baba Bhojpali: ‘जब तक राम मंदिर नहीं बन जाता किसी भी महिला के साथ…’ 31 साल बाद 22 जनवरी को पूरा होगा बाबा भोजपाली का प्रण

Ravindra Gupta Baba Bhojpali: 'जब तक राम मंदिर नहीं बन जाता किसी भी महिला के साथ...' 31 साल बाद 22 जनवरी को पूरा होगा बाबा भोजपाली प्रण

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  • Publish Date - December 22, 2023 / 10:10 AM IST,
    Updated On - December 22, 2023 / 10:18 AM IST

बैतूल: Ravindra Gupta Baba Bhojpali भगवान राम को अपना आराध्य देव मानने वाले हजारों भक्त आपने देखे होंगे, लेकिन बैतूल में एक ऐसे बाबा हैं जिन्होंने महज 21 वर्ष की उम्र में राम मंदिर निर्माण के लिए ऐसा संकल्प ले लिया था जो अब जाकर पूरा होने वाला है। बाबा का यह संकल्प 22 जनवरी को पूरा होने जा रहा है, जिसके लिए अयोध्या से भगवान श्री राम के नवनिर्मित राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित भी किया गया है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रण पत्र अयोध्या से बाबा को भेजा गया है।

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Ravindra Gupta Baba Bhojpali बता दें कि बैतूल के मिलानपुर में रहने वाले रविन्द्र गुप्ता उर्फ़ भोजपाली बाबा मूलतः भोपाल के रहने वाले हैं और 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढांचे मामले में कार सेवक के रूप में भोजपाली बाबा अयोध्या गए थे। बाबा की भगवान राम में इतनी आस्था है कि उन्होंने 21 वर्ष की उम्र में ही संकल्प ले लिया था कि अयोध्या में जब तक भगवान राम का मंदिर निर्माण नहीं हो जाता तब तक वह अपना विवाह नहीं करेंगे। बाबा को कई बार उनके परिवार ने विवाह करने के लिए राजी करने की कोशिश भी की लेकिन बाबा अपने संकल्प पर कायम रहे। आज बाबा की उम्र 52 वर्ष हो चुकी है और उनका यह संकल्प 31 वर्ष बाद 22 जनवरी को पूरा होने जा रहा है। भोजपाली बाबा 31 वर्षो से सनातन धर्म की रक्षा के लिए विभिन्न हिंदूवादी संगठनों में कर रहे हैं। अब उन्होंने शादी करने से तौबा कर ली है और अपना बचा हुआ जीवन सनातन धर्म को समर्पित कर दिया है। अयोध्या से निमंत्रण मिलने पर बाबा बेहद खुश हैं।

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मूलतः भोपाल के रहने वाले भोजपाली नाम से प्रसिद्ध बाबा का ओरिजनल नाम रविंद्र गुप्ता है, जो एक समृद्ध परिवार से हैं। भोजपानी बाबा चार भाइयों में सबसे छोटे हैं, इनकी दो बहनें भी हैं। तीनों भाई शासकीय सेवा में थे जिनमे से दो बाई रिटायर्ड हो गए हैं। वहीं एक अभी सेवारत हैं। इनकी दोनों बहनें नर्मदापुरम क्षेत्र में अच्छे घरों में बिहाई है। इनके पिता का स्वर्गवास पूर्व में ही हो चुका है। माता का भी देहांत बाइट कुछ वर्ष पूर्व हुआ है। अयोध्या में मंदिर निर्माण ना होने तक विवाह ना करने का संकल्प लेने वाले बाबा ने नर्मदा जी की परिक्रमा करने के बाद वैराग्य धारण कर लिया है। उनका संकल्प भी पूरा हो चुका है, लेकिन वे विवाह ना करके अब आगामी 2028 में उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्त मेले में सन्यास लेने का मन बना चुके है। अयोध्या से आए आमांतरण पर वे कार्यक्रम में शामिल होने जाने की बात कह रहे है साथ ही कार्यक्रम के बाद पुनजबैतुल में आकर निवास करने की बात कह रहे है।

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भोजपानी बाबा को जानने वाले बताते हैं कि वे वर्ष 2013 से जुड़े हैं। बाबा हमेशा धार्मिक यात्राएं करते हैं और हिंदू समाज को जागृत करने का कार्य कर रहे हैं। बाबा ने अपना पूरा जीवन हिंदू राष्ट्र और हिंदुओ को समर्पित कर दिया है। हम जितने भी लोग बाबा से जुड़े हुए हैं सभी अपने आप में गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उनके भक्तों का कहना है कि बाबा ने अब शादी करने का विचार त्याग दिया है। अब मंदिर बन गया है लेकिन वो शादी नहीं करेंगे। भोजपाली बाबा के अनुयायी भी उनका साथ पाकर अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं।

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