बैतूल। जिला मुख्यालय पर मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रदेश के टीकाकरण संचालक बैतूल जिला मुख्यालय पर ANM के लिए आयोजित किये है। दो दिवसीय टीकारण प्रशिक्षण शिविर के समापन में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। यहां उनोहने प्रशिक्षण प्राप्त करने बैतूल जिले के सभी ब्लाकों से आई ANM को टीकाकरण करने को लेकर बहुत महत्वपूर्ण जानकारी के साथ ही अपने कार्यक्षेत्र में संपूर्ण रूप से किस तरह टीकाकरण किया जा सकता है। उसके गुण भी बतलाए शुक्ला ने प्रदेश भर में संचालित टीकाकरण की सेवाओं के क्रियान्वयन बात की गई तो उन्होंने इस कार्य को सुगम बनाने के लिए शुरू किए जा रहे नए पोर्टल और इस वर्ष भारत सरकार द्वारा मीजल्स रूबेला मुक्त भारत बनाने के दिए गए लक्ष्य को किस तरह पूर्ण किया जायेगा और इस पूरे अभियान में कार्यरत अपने अमले की जानकारी दी।
संचालक NHM टीकाकरण संतोष शुक्ला ने बताया कि एक बहुत अच्छी पहल इस बार पूरे प्रदेश में होने जा रही है। क्योंकि आपको मालूम है कि मध्यप्रदेश टीकाकरण में टॉप था टॉप है और टॉप रहेगा। उसका एक ही कारण है क्योंकि हमने पेपर लेस मॉनिटरिंग सिस्टम डवलप किया था। दूसरा हमारा एक यूविन पोर्टल नया आ रहा है, जैसा कि कोविड पोर्टल में ऑनलाइन-ऑफलाइन सुविधा थी, बस वही यूविन के माध्यम से भी होने जा रहा है। इस पोर्टल के माध्यम से जो भी हितग्राही है उसके बच्चे का नाम डिलीवरी प्वाइंट से ही हम चालू कर देंगे। जैसे ही डिलीवरी पॉइंट पर बच्चा आता है उसका बर्थ डोज वहां पर रजिस्टर्ड हो जाएगा और डिव लिस्ट भी उसी के माध्यम से निकलेगी और उसको रिमाइंडर कॉल भी जाएंगे उसका बर्थ वेट भी जाएगा। उसमें चार प्रकार की विकृतिया तो नहीं है यह भी देखा जाएगा, उसका हीमोग्लोबिन भी जाएगा और कई अतिरिक्त जानकारियों के साथ बेस्ट फिटिंग कर रहा है कि नहीं जैसी काफी चीज डॉक्यूमेंट होने जा रही है।
यूविन के माध्यम से और हम लोग जो पेपर लेस मॉनेटरी सिस्टम के माध्यम से आईटी प्लेटफार्म के माध्यम से जो टीकाकरण को गति और दिशा देने जा रहे है। वह लोगों के लिए जनहित के लिए बहुत ही अभूतपूर्व होगी। जिन वनक्षेत्रों में स्थित ग्रामो में इंटरनेट और संसाधनों की सुविधा नहीं है, ऐसे स्थानों की टीम को हम लोग हर शनिवार को अपने सेक्टर पर बुलवाते है। अगर वहां पर जानकारी भरना संभव होता है तो ठीक है नहीं तो हमारा सुपरवाइजर ब्लॉक लेवल पर उस जानकारी को लेकर जाता है। जहां पर हमने 3 डाटा एंट्री ऑपरेटर बिठाए हैं वहां पर हम उनसे एंट्री करवाते है, जो समस्याएं थी उनका समाधान हम लोगों ने ढूंढ लिया है। हमारी एन एम बहनजीओ ने स्मालपॉक्स जैसी बीमारियों को खत्म की है, उस वक्त कुछ भी नहीं था सिर्फ इच्छाशक्ति थी उसके सहारे किया 2005 के बाद हम लोगों ने इनको कुछ संसाधन दिए हैं और जो भी समस्या है उसके लिए हम चर्चा करते रहते हैं और भारत शासन तक अपनी बात पहुंचाते हैं।
मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण संचालक संतोष शुक्ला का कहना है कि भारत शासन द्वारा टीकाकरण कार्यक्रम संचालित होता है उसी के दिशा दर्शन के अनुसार हम अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं इस साल जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मीजल्स रूबेला मुक्त भारत दिसंबर 2023 तक उसके लिए 7 अप्रैल 2022 को ही हमने डब्ल्यूएचओ डे पर संकल्प लिया था, कि और गतिविधियां संचालित की थी। उसी को लेकर मेरे द्वारा जिलेवार समीक्षा की जा रही है, जिसके तारतम में आज मैं बैतूल जिला मुख्यालय पहुंचा हूं। लोगों से जब चर्चा करते हैं उनकी समस्याओं के समाधान की कोशिश करते हैं तो कोई कारण नहीं है कि हमें उपलब्धिया ना मिले। अभी हम लोगों ने 88% की मंजिल तय कर ली है हमें 95% तक इसे पहुंचाना है। हम लोग उन्हें एरिया को देखते हैं जहां 100% हो गया है उन्हें प्रसंसित करते हैं। हमने विशेष अभियान के लिए मोबिलिटी सपोर्ट जो 1200 सेंटर खाली थे उसके लिए यह योजना बनाई थी। जैसे हम मोबाइल दल बनाकर गांव तक पहुंचते हैं और टीकाकरण करते हैं।
प्रदेश में 1000 ऐसे गांव है हमारे जो कि डीप फॉरेस्ट विलेजेस है। जंगलों के बीच जब हमारी ANM जाती है तो उनके लिए भी हमने सहूलियत की है, उन्हें भी स्पोर्ट विकल के साथ भेजे प्रदेश के ट्रायवल इलाको के 89 ब्लाकों में अतिरिक्त वाहन सुविधा उपलब्ध करवाई है। टीम दल ने उनको पहुचाने की कोशिश करते है। संचालक संतोष शुक्ला ने प्रदेश में इस समय टीकाकरण को लेकर कार्य कर रही टीम को गठित किया हैं और कौन-कौन इस पूरे अभियान को संचालित करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए मध्यप्रदेश के सभी जिलों में अपना कार्य पूरी निष्ठा से सम्पादित कर रहे है। हमने मोबलाइजर का एक दल गठित किया 71 हजार हमारी आशाऐं और एक लाख से ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है जो 1985 से लगातार कार्य कर रहा है 2005 से इस दल में आशा कार्यकर्ता जुड़ गईं है।
एक और समूह मिला है वो है सेल ग्रुप जिसमें 40 लाख महिलाएं प्रदेश के 44 हजार गांव में स्थापित है, जिनको हमने डायरेक्टर के माध्यम से जोड़ा है। फिकवेंटली आस्क कोस्चन आंसर उन तक पहुंचाये है। जब बहुदा पूछे जाने वाले सवाल का जवाब उनको मिल जाता है तो वो अपने परिवार को भी सुरक्षित कर सके इसलिए एक करोड़ पच्यासी लाख तक आज हमारी पहुंच प्रदेश के लोगों तक बनी हुई है। एक हमारा अमल RBSK के तहत साथिया ग्रुप है, जिसमें 32 हजार यंग बच्चे है जिन्हें हम प्रशिक्षित करके जब हम गांव गांव भेजते हैं। वे केटलिस उत्प्रेरक का काम कर रहे है इस प्रकार हमे पूर्ण विश्वास है कि हम हमारी टीम के साथ हमारी मंजिल तय करेंगे। IBC24 से नंद किशोर पवार की रिपोर्ट
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