Publish Date - April 14, 2025 / 11:23 AM IST,
Updated On - April 14, 2025 / 11:24 AM IST
Bhind Sadhu Saint Protest with Dhuni | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
एमपी में संतों का अनोखा आंदोलन,
तपते कंडों के बीच बैठे:रामनाम का किया संकीर्तन,
भिंड में सिक्स लेन हाईवे और गौ-अभ्यारण्य की मांग,
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भिंड: Bhind Sadhu Saint Protest with Dhuni: ग्वालियर-भिंड-इटावा 719 नेशनल हाईवे को सिक्स लाइन में परिवर्तित करने और गौ अभ्यारण्य की स्थापना की मांग को लेकर संत समाज, भूतपूर्व सैनिक, समाजसेवी, व्यापारी और आम जनता द्वारा शहर के खंडा रोड पर अखंड आंदोलन का चौथा दिन जारी है। आंदोलन के इस दिन दूधाधारी उर्फ पायलट बाबा के नेतृत्व में संतों द्वारा आग की धूनी रमाकर प्रदर्शन किया जा रहा है।
Bhind Sadhu Saint Protest with Dhuni: इस दौरान 37 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान के बीच संतों ने तीन घंटे से अधिक समय तक अग्नि के बीच बैठकर अपने आंदोलन को और तीव्र किया। संत कालिदास महाराज ने बताया कि इस कठिन आंदोलन में आंधी तूफान ने उनका टेंट भी उड़ा दिया, और उन्होंने रात को खुले आसमान में बिताया। हालांकि उनके हौसले अब भी अडिग हैं।
Bhind Sadhu Saint Protest with Dhuni: संत कालिदास महाराज ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं सुनती तब तक यह आंदोलन अनवरत जारी रहेगा। संत समाज ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो वे भूख हड़ताल जैसी अन्य कड़े कदम उठाने को तैयार हैं।
"ग्वालियर-भिंड-इटावा हाईवे सिक्स लेन" की मांग क्यों हो रही है?
इस हाईवे को सिक्स लेन में बदलने की मांग इसलिए की जा रही है ताकि ट्रैफिक व्यवस्था सुधरे, सड़क हादसे कम हों और क्षेत्र में विकास को गति मिले।
"गौ अभ्यारण्य की स्थापना" की मांग क्यों की जा रही है?
गौ अभ्यारण्य की स्थापना से बेसहारा और घायल गौवंश को संरक्षण मिलेगा। यह धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक अहम मुद्दा है।
"संत समाज का आंदोलन" कब से चल रहा है?
संत समाज द्वारा खंडा रोड पर अखंड आंदोलन पिछले चार दिनों से लगातार चल रहा है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं।
"पायलट बाबा का आंदोलन में क्या योगदान है?"
दूधाधारी उर्फ पायलट बाबा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं और संतों के साथ मिलकर अग्नि के बीच बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
"ग्वालियर आंदोलन में भूख हड़ताल" की चेतावनी क्यों दी गई है?
अगर सरकार ने संत समाज की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो संतों ने अगला कदम भूख हड़ताल को बताया है ताकि सरकार को गंभीरता से निर्णय लेने के लिए मजबूर किया जा सके।