Cyber Commandos/Image Credit: Meta AI
साक्षी त्रिपाठी, भोपाल। Cyber Commandos: हमारे कमाडों ने जमीन हो, आसमान हो या फिर पानी.. हर जगह दुश्मनों के छक्के छुड़ाएं हैं, और अब बारी है डिजिटली सबसे स्ट्रांग होने की। अब भारत की सेना हर तरह के डिजिटल वॉर, स्कैम से निपटने में सक्षम हो गई है। पाक के हैकर्स को भी वक्त आने पर हम करारा जवाब देने को तैयार हैं। पाकिस्तान से तनाव और तेजी से बदल रही टेक्नोलॉजी में साइबर फ्रॉड, हैकिंग और अटैक आम बात हो चली है। सायबर वॉर का खतरा भी बना रहता है। इन्हें रोकने के लिए केंद्र सरकार की मदद से एमपी साइबर सेल साइबर कमांडो तैयार कर रहे हैं।
देशभर से कुल 346 कमांडो तैयार
इन सायबर कमांडों को कुछ उस तरह से ट्रेन किया गया है कि यह देश और विदेश में बैठे साइबर अटैकर्स के हर हमले को नाकाम करने में सक्षम हैं। मध्य प्रदेश के पांच साइबर कमांडो को आईआईटी कानपुर में 6 महीने की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई, जो अब एमपी की साइबर सुरक्षा को और मजबूती प्रदान करेंगे। केंद्र के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई 4 सी) के तहत पहले बैच में देशभर से कुल 346 कमांडो तैयार किए गए हैं। ऐसे 5 हजार कमांडो तैयार करने का लक्ष्य है। इस ट्रेनिंग के दूसरे बैच में मध्य प्रदेश के 39 साइबर पुलिस के जवान ट्रेनिंग लेंगे।
सायबर कमांडों ऐसे करेंगे काम
पाकिस्तानी हैकर्स को देंगे जवाब
साइबर फ्रॉड और डिजिटल वॉर जैसी स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि, दुश्मन कभी आपके सामने नहीं होता। यह आपके पड़ोस में बैठा व्यक्ति या कोई विदेश से ऑपरेट कर रहा जलसाज भी हो सकता है। पहले भी कई साइबर फ्रॉड के मामलों में पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है। वहीं, मौजूदा हालातों में पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच एक खतरा और भी बढ़ गया है। मध्यप्रदेश सायबर क्राइम एडीसीपी शैलेंद्र चौहान ने बताया कि, इस तरह की ट्रेनिंग की मदद से हम साइबर क्राइम को रोकने में और भी ज्यादा सक्षम बनेंगे।
इन अधिकरियों ने ली ट्रेनिंग
सायबर कमांडो के पहले बैच की बात करें तो मध्य प्रदेश से 5 सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी इस ट्रेनिंग को ले चुके हैं। इनमें शैलेंद्र राठौर, मोहित पांडे, संदीप वर्मा, अनिल शर्मा और अनुज समाधिया शामिल हैं। अब यह मध्यप्रदेश के अलग-अलग विभागों के साथ कोऑर्डिनेशन कर राज्य के महत्वपूर्ण डाटा की सिक्योरिटी करेंगे। साथ ही सायबर क्राइम के संगीन मामलों में भी अपनी दक्षता के दम पर क्रिमिनल्स को पकड़ने में पुलिस की तकनीकी मदद करेंगे। कुल मिलाकर भारतीय कमांडो का कोई तोड़ नहीं। जल ,थल , वायु और अब डिजिटलाइजेशन के इस दौर में साइबर वार से भी हमारा सैनिक बल दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बिल्कुल तैयार हैं।