आयशा मकरानी और तुषार ने UPSC एग्जाम में कैसे किया था फ्रॉड, UPSC ने बताई सारी डिटेल |

आयशा मकरानी और तुषार ने UPSC एग्जाम में कैसे किया था फ्रॉड, UPSC ने बताई सारी डिटेल

ayesha makrani tushar kumar fraud case upsc : यूपीएससी की तरफ से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया, ‘दोनों व्यक्तियों के दावे झूठे हैं। उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज बनाए हैं।’

Edited By :   Modified Date:  May 27, 2023 / 10:40 AM IST, Published Date : May 27, 2023/10:37 am IST

UPSC result fraud: चंडीगढ़: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा में कथित रूप से चयन का दावा करने वाले दो उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है। सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए थे। यह मामला हरियाणा के तुषार कुमार और मध्य प्रदेश की आयशा मकरानी से जुड़ा है, जिन्होंने फर्जी तरीके से एग्जाम में सेलेक्शन का दावा किया। दोनों का कहना था कि आयोग की ओर से सिविल सेवा परीक्षा 2022 में वास्तव में अनुशंसित उम्मीदवारों के दो रोल नंबर के विरूद्ध चयन के लिए उनके नामों की सिफारिश की गई है।

यूपीएससी की तरफ से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया, ‘दोनों व्यक्तियों के दावे झूठे हैं। उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज बनाए हैं।’ बयान में कहा गया कि ऐसा करके, मकरानी और तुषार दोनों ने केंद्र सरकार (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) की ओर से अधिसूचित सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।

UPSC ने बताया आयशा का रिजल्ट

ayesha makrani tushar kumar fraud case upsc  बयान के मुताबिक, इसलिए परीक्षा नियमों के प्रावधानों के अनुसार, यूपीएससी दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ उनके धोखाधड़ी के कृत्यों के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है। बयान में कहा गया, ‘यूपीएससी की प्रणाली मजबूत होने के साथ-साथ पूरी तरह चाक चौबंद है और ऐसी त्रुटियां संभव नहीं हैं।’

यूपीएससी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए हर साल तीन चरणों-प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।

डिटेल साझा करते हुए आयोग ने कहा कि सलीमुद्दीन मकरानी की बेटी आयशा मकरानी (जिसने यूपीएससी की तरफ से अपने अंतिम चयन की सिफारिश का दावा किया है) ने अपने पक्ष में दस्तावेजों से जालसाजी की। बयान में कहा गया कि आयशा मकरानी का वास्तविक रोल नंबर 7805064 है। उसने 5 जून, 2022 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में भाग लिया और सामान्य अध्ययन पेपर-एक में केवल 22.22 अंक और सामान्य अध्ययन पेपर-दो में 21.09 अंक प्राप्त किए।

प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाई आयशा

यूपीएससी ने कहा, ‘परीक्षा नियमों की जरूरत के अनुसार, उसे पेपर- दो में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी। वह न केवल पेपर-दो में क्वालीफाई करने में विफल रही है, बल्कि पेपर-एक के कट-ऑफ मार्क्स से भी कम अंक प्राप्त किए हैं। कट-ऑफ मार्क्स वर्ष 2022 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अनारक्षित वर्ग के वास्ते 88.22 अंक थे।’

बयान में कहा गया कि इसलिए, आयशा मकरानी प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही विफल हो गई और परीक्षा के अगले चरण में आगे नहीं बढ़ सकी। यूपीएससी के मुताबिक दूसरी ओर, रोल नंबर 7811744 वाले नजीरुद्दीन की बेटी आयशा फातिमा वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के अंतिम परिणाम में 184वां रैंक हासिल किया है।

हरियाणा के तुषार नहीं बिहार के तुषार हैं असली दावेदार

इसी तरह, हरियाणा के रेवाड़ी के बृजमोहन के पुत्र तुषार के मामले में, उसने सिविल सेवा (प्रीलिम्स) परीक्षा, 2022 के लिए आवेदन किया था और इस परीक्षा के लिए उसे रोल नंबर 2208860 आवंटित किया गया था। यूपीएससी ने कहा कि वह प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुआ और उसने सामान्य अध्ययन के पेपर-एक में माइनस 22.89 अंक और सामान्य अध्ययन के पेपर-2 में 44.73 अंक हासिल किए। बयान में कहा गया कि तुषार भी प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही विफल हो गया और परीक्षा के अगले चरण में आगे नहीं बढ़ सका।

बयान में कहा गया, ‘दूसरी ओर, यह पुष्टि की जाती है कि बिहार के निवासी अश्विनी कुमार सिंह के पुत्र तुषार कुमार, जिनका रोल नंबर 1521306 है, वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 44 वां रैंक हासिल किया है।’

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