CM Mohan Yadav Tweet on Sidhi Case: सीएम मोहन यादव ने सीधी मामले पर लिया संज्ञान, X पर पोस्ट कर कही ये बातें

CM Mohan Yadav Tweet on Sidhi Case: सीएम मोहन यादव ने सीधी मामले पर लिया संज्ञान, X पर पोस्ट कर कही ये बातें

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  • Publish Date - May 25, 2024 / 04:02 PM IST,
    Updated On - May 25, 2024 / 04:04 PM IST

CM Mohan Yadav Tweet on Sidhi Case: भोपाल। स्कॉलरशिप दिलाने के नाम पर 7 आदिवासी छात्राओं से दुष्कर्म मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संज्ञान लेते हुए एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है। सीएम ने कहा, कि सीधी जिले के मझौली थाना में आदिवासी छात्राओं से स्कॉलरशिप देने का लालच देकर गलत कार्य करने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है। ऐसा निंदनीय कार्य करने वाले समाज के दुश्मन हैं, आरोपी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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सीएम ने कहा कि किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करने और ठोस साक्ष्य संकलित करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। जो संपूर्ण तथ्यों की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट सौंपेगा।

बता दें कि सीधी जिले के मझौली थाना क्षेत्र में  स्कॉलरशिप दिलाने के नाम पर सात छात्राओं से दुष्कर्म का वारदात को अंजाम दिया गया। हालांकि, छात्रों की शिकायत के बाद पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह तकरीबन 3 माह से इस वारदात को अंजाम दे रहे हैं। आरोपी ने बताया कि उन्होंने यह पूरा खेल गूगल से सीखा था, जिसके बाद गूगल से मैजिक वॉइस ऐप लोड करके छात्रों से महिला की आवाज रंजना मैडम बनकर बात किया करते थे और छात्राओं को स्कॉलरशिप का प्रलोभन देकर सुनसान स्थान पर बुलाकर उनके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे रहे थे।

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पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक्स पर किया पोस्ट

इस मामले पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि सीधी जिले में स्कॉलरशिप का झाँसा देकर सात आदिवासी छात्राओं से बलात्कार का समाचार अत्यंत व्यथित करने वाला है। पुलिस का कहना है कि और भी लड़कियाँ इसका शिकार हो सकती हैं अर्थात बलात्कार पीड़ित आदिवासी लड़कियों की संख्या 7 से अधिक भी हो सकती है। देश अब तक भूला नहीं है कि इसी सीधी ज़िले में एक आदिवासी युवक के सिर पर भाजपा के नेता ने पेशाब की थी। क्या मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की लड़कियाँ निर्भय होकर कॉलेज में पढ़ाई भी नहीं कर सकतीं? ऐसे हालात में “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” के नारे का क्या अर्थ रह जाता है?

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कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासी अत्याचार और महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार का समाचार सामने न आता हो। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि सभी पीड़ित छात्राओं को समुचित आर्थिक सहायता दी जाए। इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच की जाए। बेटियों से अत्याचार में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाए? मुख्यमंत्री प्रदेश में आदिवासी बच्चियों की सुरक्षा के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन करें ताकि आदिवासी समाज की बच्चियां समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें और अपने भविष्य का निर्माण कर सकें।

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