Loksabha Chunav 2024
नवीन कुमार सिंह, भोपाल।
Loksabha Chunav 2024: विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस हार के सदमे से अब तक बाहर नहीं निकल पाई है। दूसरी समीक्षा बैठक में भी हार का गुस्सा जमकर फूटा है। चुनाव हारे हुए प्रत्याशियों ने ये तक कह दिया है कि कांग्रेस में अस्तीन के सांप खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन सवाल तो ये है कि क्या हारे हुए प्रत्याशियों की शिकायत की सुनवाई पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष कर पाएंगे। ये उस बड़ी हार का गुस्सा है जिसे कांग्रेस के प्रत्याशी पचा नहीं पा रहे हैं। खुलकर नाम तो नहीं कह रहे हैं लेकिन लिखित में कांग्रेस के अस्तीन के सांपों की शिकायत करने का दावा ज़रुर कर रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस अब तक विधानसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त से उभर नहीं पाई है। आज पीसीसी में हुई हारे हुए प्रत्याशियों की बैठक में नेताओं ने जमकर खरी खोटी सुनाई है। बैठक में चीख चीख कर ये कहा है कि उन्हें कांग्रेस के लोगों ने ही हरवाया है।
पर्यवेक्षक भेजने की परंपरा को बताया गलत
संगठन में बड़े पदों पर बैठे नेताओं ने गुटबाजी को हवा दी है। कांग्रेस के प्रत्याशियों ने तो एआईसीसी के पर्यवेक्षकों को भी हार का जिम्मेदार बताया है। चुनावों के ठीक पहले दिल्ली से पर्यवेक्षक भेजने की परंपरा को गलत बताया है जिसमें ये कहा है कि यहीं से गड़बड़ी की शुरआत होती है। खैर अब चुनौती कांग्रेस के नए अध्यक्ष जीतू पटवारी के सामने है कि कैसे पांच महीनों के भीतर होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी की गुटबाजी को खत्म कर पाएंगे और उससे बड़ी चुनौती तो ये कि पार्टी के भीतर के अस्तीन के सापों को वो कैसे पकड़े सकेंगे।
कांग्रेस के बड़े नेताओं को कहा हिटलर
हालांकि कांग्रेस नेताओं का दावा है कि बड़े नेताओं के साथ मिलकर कांग्रेस के 40 फीसदी वोट शेयर को आगे बढ़ाने की रणनीति ज़रुर कामयाब होगी। जाहिर है विधानसभा चुनावों में मिली हार का गम कांग्रेस को अंदर ही अंदर खाए जा रहा है। नेताओं का गुस्सा सीनियर लीडरशिप पर उतर रहा है। कांग्रेस के बड़े नेताओं को कोई हिटलर कह रहा है तो कोई फूल छाप कांग्रेसी बता रहा है। कांग्रेस की कलह पर बीजेपी को चुटकी लेने का मौका भी मिल गया है। वहीं पिछली दो बैठकों में कांग्रेस के भीतर हार को लेकर जमकर बवाल हुआ है। नए प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी जितेंद्र सिंह फिलहाल चुप हैं। नाराज नेताओं को आश्वासन दे रहे हैं कि पार्टी के खिलाफ गद्दारी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
Loksabha Chunav 2024: फिलहाल पीसीसी चीफ नाराज़ नेताओं को और नाराज़ करके कोई रिस्क नहीं लेना चाहते क्योंकि कुछ ही दिनों में राहुल गांधी की भारत जो़ड़ो न्याय यात्रा एमपी में आने वाली है औऱ उसके बाद लोकसभा चुनाव भी हैं। ऐसे में जीतू पटावरी की कोशिश होगी की सबके साथ समन्वय बनाकर छिटपुट कार्रवाई के जरिए नाराज़ नेताओं का गुस्सा शांत करा दिया जाए।