IAS Santosh Verma Controversy: ब्राह्मण समाज के खिलाफ IAS की टिप्पणी से पूरे प्रदेश में बवाल, माफी के बाद भाजपा-कांग्रेस के नेताओं में तीखीं बहस, क्या सरकार उठाएगी सख्त कदम?

IAS Santosh Verma Controversy: ब्राह्मण समाज के खिलाफ IAS की टिप्पणी से पूरे प्रदेश में बवाल, माफी के बाद भाजपा-कांग्रेस के नेताओं में तीखीं बहस, क्या सरकार उठाएगी सख्त कदम?

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  • Publish Date - November 25, 2025 / 04:46 PM IST,
    Updated On - November 25, 2025 / 04:47 PM IST

IAS Santosh Verma Controversy/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • माफी के बाद भी तनाव हाई
  • IAS विवाद पर बीजेपी–कांग्रेस में भिड़ंत
  • क्या सरकार करेगी एक्शन

भोपाल: IAS Santosh Verma Controversy:  भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी और अजाक्स के नवनियुक्त राज्य अध्यक्ष संतोष वर्मा अपने विवादित बयान को लेकर तीखे विरोध का सामना कर रहे हैं। बढ़ते विरोध के बीच उन्होंने IBC24 से बातचीत करते हुए माफी मांगते हुए स्पष्ट किया कि उनके शब्दों की गलत व्याख्या की गई है और उन्हें विकृत तरीके से प्रस्तुत किया गया। वर्मा ने कहा कि मेरा किसी भी समुदाय या धर्म का अपमान करने का इरादा नहीं था। यह केवल मध्य प्रदेश अजाक्स की कार्यकारिणी बैठक थी, जहाँ हम आरक्षण के सामाजिक और आर्थिक आधार पर चर्चा कर रहे थे। मेरा राजनीतिक हंगामा खड़ा करने का कोई उद्देश्य नहीं था।

ब्राह्मण समाज ने तेज किया विरोध, कार्रवाई की मांग (Santosh Verma statement)

विवादित टिप्पणी के बाद ब्राह्मण समाज खुलकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इंदौर में समाज के प्रतिनिधियों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर संतोष वर्मा पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि वर्मा के बयान से ब्राह्मण समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। बयान सामाजिक रूप से अस्वीकार्य और आपत्तिजनक है। इस टिप्पणी से ब्राह्मण बेटियों की सामाजिक मर्यादा को ठेस पहुंची है। भारतीय न्याय संहिता के तहत कार्रवाई आवश्यक है। परशुराम सेना के अलावा अब इंदौर सहित कई जिलों में ब्राह्मण समाज वर्मा के विरोध में सड़क पर उतर आया है।

संत समाज भी विरोध में ऐसे अधिकारी जेल भेजे जाएं (MP IAS officer dispute)

IAS Santosh Verma Controversy:  मामले पर अब संत समाज भी मुखर हो गया है। महामंडलेश्वर राम गोपाल दास महाराज ने कहा कि संतोष वर्मा की टिप्पणी से पूरा प्रदेश शर्मसार हुआ है। किसी भी समाज की कन्या पूजनीय होती है, ऐसे बयान अस्वीकार्य हैं। ऐसे दुराचारी अधिकारियों को तत्काल पद से हटाकर जेल भेजा जाए। संत समाज ने सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि ऐसी मानसिकता वाले अधिकारियों के रहते बेटियों पर अपराध बढ़ते रहेंगे।

पुराने विवाद भी आए चर्चा में फर्जी दस्तावेज़ मामले में हो चुकी है गिरफ्तारी (Brahmin community protest)

विवाद बढ़ने के बाद सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में वर्मा के पुराने मामले फिर सुर्खियों में हैं। जानकारी के अनुसार 2021 में पदोन्नति के दौरान फर्जी साइन और दस्तावेज़ लगाने का आरोप लगा था। दो अलग-अलग मामलों में उन्होंने जाली दस्तावेज़ों में दावा किया था कि मामला निपट चुका है। न्यायाधीश की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई, जिसके बाद MG रोड थाने में केस दर्ज हुआ। पुलिस ने वर्मा को गिरफ्तार भी किया था, मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है। 2016 में भी इंदौर के लसूड़िया थाने में उनके खिलाफ एक महिला ने केस दर्ज कराया था। नए विवाद के बाद उनके ये पुराने प्रकरण फिर सुर्खियों में आ गए हैं।

बीजेपी कांग्रेस आमने-सामने (IAS Santosh Verma News)

IAS Santosh Verma Controversy:  अब इस मामले पर विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि ऐसे मूर्खों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। सभी बेटियां सुरक्षित हैं, सभी का सम्मान रहेगा। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने सरकार पर दबाव डालते हुए कहा कि यह बयान जहरीला है और समाज में कटुता बढ़ाता है। सरकार तुरंत सख्त कार्रवाई करे। आईएएस संतोष वर्मा की टिप्पणी ने ब्राह्मण समाज, संत समाज, राजनीतिक दलों और आम जनता में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। उनकी सफाई और माफी के बावजूद प्रदेशभर में विरोध थम नहीं रहा। अब सभी की नजर सरकार की ओर है कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या कार्रवाई करती है।

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“संतोष वर्मा विवाद” क्या है?

यह विवाद IAS अधिकारी संतोष वर्मा के एक कथित विवादित बयान को लेकर शुरू हुआ, जिसके बाद ब्राह्मण समाज, संत समाज और राजनीति में व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिली।

“संतोष वर्मा पर क्या कार्रवाई हो सकती है?”

मामला संवेदनशील होने के कारण प्रशासनिक जांच, निलंबन, या कानूनन कार्रवाई की मांग उठ रही है, लेकिन अंतिम निर्णय सरकार पर निर्भर है।

“संतोष वर्मा के पुराने मामले” क्या हैं?

समाचार रिपोर्टों के अनुसार 2021 में फर्जी दस्तावेज़ और साइन लगाने का मामला और 2016 में दर्ज एक महिला शिकायत फिर चर्चा में हैं; मामले कोर्ट में हैं।