MP Political News/Image Source: IBC24
भोपाल: MP Political News: मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण देने के मुद्दे पर राजनीतिक सहमति बनाने के लिए आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। यह बैठक सुबह 11 बजे सीएम हाउस में आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार ने यह बैठक सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद बुलाई है। इस बैठक से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलानथ ने सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने X पर पोस्ट कर लिखा की ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर प्रदेश सरकार बार-बार अपने ही बुने जाल में फँस रही है।
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MP Political News: कमलनाथ ने आगे लिखा की 18 अगस्त को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल काउंटर एफिडेविट में कहा था कि ओबीसी को 27% आरक्षण की मांग करने वाली याचिकाएँ सुनवाई योग्य नहीं हैं, इसलिए उन्हें खारिज किया जाना चाहिए। अब वही आयोग माफ़ी माँगते हुए उस एफिडेविट को वापस लेने का आवेदन कर रहा है। स्पष्ट है कि यह एफिडेविट सरकार के इशारे पर दाखिल किया गया था। लेकिन जैसे ही सरकार को एहसास हुआ कि यह कदम उसके ओबीसी विरोधी चेहरे को उजागर कर देगा, तुरंत नाटक और नौटंकी शुरू कर दी।
MP Political News: उन्होंने कहा की ध्यान देने योग्य है कि एमपीपीएससी के अध्यक्ष और सदस्य राज्य सरकार नियुक्त करती है। सचिव के तौर पर भी राज्य प्रशासनिक सेवा या आईएएस अधिकारी की नियुक्ति सरकार ही करती है। ऐसे में यह मानना कि आयोग का शपथपत्र सरकार की मंशा से अलग है महज एक मज़ाक है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सभी प्रक्रियाएँ पूरी कर कानून बनाकर ओबीसी को 27% आरक्षण लागू किया था। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट कई बार साफ कर चुके हैं कि इस पर कोई रोक नहीं है। फिर भी वर्तमान सरकार लगातार नए प्रपंच रचकर आरक्षण प्रक्रिया को उलझा रही है।
ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर प्रदेश सरकार बार-बार अपने ही बुने जाल में फँस रही है।
18 अगस्त को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल काउंटर एफिडेविट में कहा था कि ओबीसी को 27% आरक्षण की मांग करने वाली याचिकाएँ सुनवाई योग्य नहीं हैं, इसलिए उन्हें खारिज किया… pic.twitter.com/EGxbMRbAce
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 28, 2025
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MP Political News: कमलनाथ ने आगे कहा की सरकार द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाना भी जनता को गुमराह करने का षड्यंत्र है। जब कांग्रेस सरकार पहले ही 27% आरक्षण लागू कर चुकी है, तो सर्वदलीय बैठक की ज़रूरत ही क्यों? यह साफ़ है कि सरकार ओबीसी समाज को बरगलाने और भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री जी मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की तरह राज्य सरकार भी सुप्रीम कोर्ट से अपने पुराने षड्यंत्रों के लिए माफ़ी माँगे और तत्काल प्रभाव से कांग्रेस सरकार द्वारा दिए गए 27% ओबीसी आरक्षण को लागू करे। ओबीसी समाज को ठगने और बहकाने की हरकतें अब और नहीं चलेंगी।