हेराफेरी करने वाले पुलिसकर्मियों को SP ने किया बर्खास्त, अपराधियों की तर्ज पर हीरा व्यापारी के साथियों से की थी ठगी

SP dismissed the accused policemen On the lines of vicious criminals, misappropriation of lakhs from the accomplices of diamond merchant

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  • Publish Date - August 6, 2021 / 06:34 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

भोपाल। राजधानी के अयोध्या नगर के 2 कांस्टेबलों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है। हीरा व्यापारी के साथियों से 5 लाख के हेराफेरी के आरोप में दोनों कांस्टेबलों को बर्खास्त किया गया है। मामले में खुलासे के बाद दोनों कांस्टेबल को निलंबित किया गया था। जांच में दोषी पाए जाने के बाद एसपी ने बर्खास्तगी की कार्रवाई की है।

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क्या है मामला

जानकारी के अनुसार गुजरात के अहमदाबाद की जीके एंड कंपनी में रौनक कुमार काम करते हैं। 10 जुलाई की रात करीब सवा आठ बजे रौनक अपने साथी किशान झाला के साथ स्कूटर से मिनाल रेसीडेंसी के गेट नंबर पांच से जा रहे थे, तभी वहां अयोध्या नगर थाने के आरक्षक सुमित बघेल और विनोद रावत मिले। दोनों ने उनको रोका और बैग चेक करने लगे। बैग में करीब 26 लाख रु रखे थे। यह देखकर दोनों सिपाहियों ने उनको धमकाना शुरू कर दिया। दोनों सिपाही उनसे अड़ीबाजी कर रुपये मांगने लगे। दोनों कर्मचारियों ने उनकी कंपनी के प्रोपराइटर से भी बात कराई, लेकिन दोनों सिपाहियों ने एक नहीं सुनी। अड़ीबाजी कर दोनों सिपाहियों ने उनके 26 लाख रुपये में से पांच लाख लेकर दोनों को डरा-धमकाकर भगा दिया।

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इस घटना के बाद दोनों सिपाही अयोध्या नगर थाने पहुंचे और प्रभारी टीआइ पवन सेन से कहा कि गश्त के दौरान बिना नंबर की स्कूटर पर दो लोगों को रोका तो वह तीन लाख रुपये जबरन देकर भाग गए। थाना प्रभारी पवन सेन यह बात सुनकर दंग रह गए। उनको भरोसा नहीं हुआ। वह दोनों आरक्षकों को साथ लेकर मौके पर पहुंचे। आसपास लोगों से पूछा और सीसीटीवी फुटेज देखे, लेकिन कुछ नहीं मिला। बाद में पूरे घटनाक्रम की जानकारी उन्होंने अधिकारियों को दी और थाने के रोजनामचा रजिस्टार में इसका उल्लेख किया। जानकारी के बाद आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। इधर, वारदात के दूसरे दिन गुजरात से कंपनी के कारोबारी प्रवीण भाई ने थाना प्रभारी समेत आला अधिकारियों को पूरा घटनाक्रम बताया। इस पर एसपी साई कृष्णा ने एएसपी राजेश सिंह भदौरिया को जांच के निर्देश दिए थे। जांच में दोनों आरक्षक दोषी पाए गए, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।