Nutrition diet scam: भोपाल। मध्यप्रदेश में पोषण आहार वितरण के टेक होम राशन में बड़ा घोटाला सामने आया है। ये कहना है विपक्ष पार्टी कांग्रेस का। प्रदेश की निजी फर्मों ने जिन ट्रकों से पोषण आहार बांटना बताया है। अकाउंटेंट जनरल की जांच में यह मोटर साइकिल, स्कूटर, कार और ऑटो के नंबर निकले हैं। मामले में कांग्रेस ने की हाइकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की है। वहीं सत्ता पक्ष इसे अंतिम प्रक्रिया नहीं मान रहा है।
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Nutrition diet scam: मध्य प्रदेश के एकाउंटेंट जनरल की 36 पन्नों की एक गोपनीय रिपोर्ट ने महिला बाल विकास विभाग में बड़ा घोटाला उजागर किया है। रिपोर्ट में करोड़ों के पोषण आहार के परिवहन को लेकर हेरफेर की बात सामने आई है। यही नहीं रिपोर्ट के मुताबिक लाखों ऐसे बच्चे जो स्कूल नहीं जाते उनके नाम पर भी करोड़ों का राशन बांट दिया गया है। साथ ही विभाग में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी, लाभार्थियों की पहचान में अनियमितता, स्कूली बच्चों के लिए महत्वाकांक्षी मुफ्त भोजन योजना के वितरण और गुणवत्ता नियंत्रण में गड़बड़ी पायी गयी है।
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Nutrition diet scam: अप्रैल 2018 से फरवरी 2021 के बीच पोषण आहार के वितरण के आडिट में फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसमें फर्जी तरीके से बांटे गये पोषण आहार के बदले 7 करेाड़ का भुगतान भी कर दिया गया। साथ ही फर्जी ट्रकों में करीब 1100 मीट्रिक टन पोषण आहार बांटना बताया गया। इस मामले की जांच परिवहन विभाग की वेबसाइट से की गयी। हितग्राहियों के फर्जी डाटा के आधार पर 110 करोड़ का फर्जी डिस्ट्रब्यूशन किया गया है। बाड़ी, धार, मंडला, रीवा, सागर और शिवपुरी के प्लांट से 821.55 मीट्रिक टन पोषण आहार सप्लायी बताया गया जो कि चालान काटे जाने के दौरान मौजूद नहीं था। 8 जिलों में 62 करेाड़ के पोषण आहार के गायब होने की बात भी रिपोर्ट में लिखी गयी है। कागजों में करीब 97 हजार मीट्रिक टन पोषण आहार स्टाक में बताया गया जबकि 87 हजार मीट्रिक टन पोषण आहार ही बांटा गया, जांच में 10 हजार मीट्रिक टन पोषण आहार गायब मिला। 40 हजार मीट्रिक टन पोषण आहार घटिया क्वालिटी का होना भी बताया गया है, इसके बदले करीब 238 करोड़ का भुगतान किया गया।
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Nutrition diet scam: रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 6 कारखानों से 6.94 करोड़ रुपयों की लागत के 1,125.64 मीट्रिक टन राशन का परिवहन किया गया था। लेकिन परिवहन विभाग से सत्यापन करने पर पता लगा कि ट्रकों के जो नंबर दिये गये हैं उन पर मोटरसाइकिल, कार, ऑटो और टैंकर पंजीकृत हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 के लिए टेक होम राशन (टीएचआर) योजना के लगभग 24 प्रतिशत लाभार्थियों की जांच पर आधारित थे। इस योजना के तहत 49.58 लाख पंजीकृत बच्चों और महिलाओं को पोषण आहार दिया जाना था। इनमें 6 महीने से 3 साल की उम्र के 34.69 लाख बच्चे, 14.25 लाख गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली मां और 11-14 साल की लगभग 64 हजार बच्चियां शामिल थीं जिन्होंने किसी कारणवश स्कूल छोड़ दिया है। कांग्रेस ने कहा कि इस मामले की हाईकोर्ट सेटिंग जज से जांच करानी चाहिए।
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Nutrition diet scam: रिपोर्ट की जांच के दौरान, यह पाया गया कि आठ जिलों के 49 आंगनबाडी केन्द्रों में केवल तीन स्कूल न जाने वाली लड़कियों का पंजीकरण किया गया था। हालांकि, उन्हीं 49 आंगनवाड़ी केंद्रों के तहत, डब्ल्यूसीडी विभाग ने 63,748 लड़कियों को सूचीबद्ध किया और 2018-21 के दौरान उनमें से 29,104 की मदद करने का दावा भी किया था। साफ तौर पर यहां आकड़ों में हेर फेर करके 110.83 करोड़ रुपये के मूल्य के राशन का फर्जीवाड़ा हुआ। वहीं सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा का कहना है CAG की रिपोर्ट अंतिम नहीं प्रक्रिया का हिस्सा हैं। लोक लेखा समिति करती है परीक्षण।
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Nutrition diet scam: पोषण आहार को लेकर प्रदेश में पहले भी कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं। कोर्ट के आदेश के बाद निजी ठेकेदारों से पोषण आहार का काम लेकर स्व सहायता समूहों को दिया गया है। इसके बावजूद भी नौनिहालों के हिस्से के खाने पर कुछ लोगों के द्वारा ढाका डालना जारी है। अब देखना होगा कि घोटाला उजागर होने के बाद सरकार अधिकारियों के खिलाफ क्या कुछ कार्यवाही करती है।