BJP's master plan ready in the MP before Mission 2023

मिशन 2023 के पहले प्रदेश में भाजपा का मास्टर प्लान तैयार, बदले जाएंगे इन जिलों के जिला अध्यक्ष…देखें

मध्यप्रदेश में भाजपा का मिशन 2023 शुरू हो गया है। नगरीय निकाय चुनाव के बाद भाजपा को पूरा फोकस विस चुनाव जीतने पर होगा। वहीं माना जा रहा है कि भाजपा जिला अध्यक्षों पर दांव खेल सकती है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : October 4, 2022/1:19 pm IST

Mission 2023 in MP : भोपाल – मध्यप्रदेश में भाजपा का मिशन 2023 शुरू हो गया है। नगरीय निकाय चुनाव के बाद भाजपा को पूरा फोकस विस चुनाव जीतने पर होगा। वहीं माना जा रहा है कि भाजपा जिला अध्यक्षों पर दांव खेल सकती है। मिशन 2023 से पहले बीजेपी संगठन स्तर पर कसावट करने जा रही है। नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम और कमजोर संगठन के कारण 18 जिलों के अध्यक्ष निशाने पर थे ही पर बीजेपी का मुख्य फोकस बूथ स्तर तक कसावट को लेकर है। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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Mission 2023 in MP : संगठन में सबसे बड़ा बदलाव ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में देखने को मिलेगा इसके अलावा मालाव निमाड़ में भी बड़े बदलाव की आहट है। इसके अलावा जिन जिला अध्यक्षों ने नगर निकाय व पंचायत चुनाव में अपनों को चुनाव लड़ाया, जिन्होंने पार्टी में गुटबाजी की स्थिति पैदा की और उसे रोक नहीं पाए ये जिला अध्यक्ष भी हटाए जाएंगे। कई जिला अध्यक्षों के विरुद्ध पार्टी के कैंडिडेट का विरोध करने के भी आरोप लगे हैं और इसकी शिकायत प्रदेश संगठन तक आने के बाद उसकी तहकीकात संगठन ने अपने स्तर पर कराई है।

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Mission 2023 in MP : मध्य प्रदेश में मिशन 2023 एक कसावट के चलते प्रदेश के सभी जिलों में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बीजेपी अब जिला अध्यक्षों को बदलेगी। निकाय चुनाव के चलते संगठन ने पिछले माह तक इस कार्यक्रम को टाल रखा था। अब इस बदलाव में डेढ़ दर्जन अध्यक्षों का प्रभावित होना तय माना जा रहा है। 7 से 9 अक्टूबर तक होने वाले प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम की तैयारियों के बीच इसकी भी चर्चा तेज हो गई है। जिला अध्यक्षों की छुट्टी के मापदंड तय करने के साथ संगठन ने संबंधित जिला अध्यक्षों के विरुद्ध मिली रिपोर्ट का परीक्षण और प्रति परीक्षण भी करा लिया है। माना जा रहा है कि आने वाले एक माह में संगठन कसावट के सख्त निर्णय लेकर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को अनुशासन और पार्टी का निर्णय सर्वोपरि होने का संदेश भी देना चाहता है।

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संगठन की जानकारी में यह बात भी आई थी कि कुछ जिला अध्यक्ष चुनावी रंजिश निकालने के लिए चुनाव के बहाने पार्टी के ईमानदार कार्यकर्ताओं को निशाने पर लेकर उनके विरुद्ध कार्यवाही के प्रस्ताव भेजे थे। इस मामले को भी संगठन ने गंभीरता से लिया है और ऐसे जिला अध्यक्षों की वर्किंग पर भी एक्शन दिखाई देगा। बीजेपी के अधिकांश जिला अध्यक्षों का कार्यकाल नवम्बर 2022 में खत्म हो रहा है। नवम्बर 2019 में संगठनात्मक चुनाव के बाद 33 नए जिला अध्यक्षों की पहली सूची 5 दिसम्बर 2019 को जारी हुई थी। इसके बाद 24 जिला अध्यक्षों की सूची अलग-अलग जारी हुई। जिला अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है जो इसी साल खत्म हो रहा है।

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बीजेपी संगठन ने तय किया है कि जिन जिला अध्यक्षों का इम्पैक्ट पार्टी के फैसलों के मुताबिक नहीं आ रहा है उन्हें हटाया जाए। कई ऐसे भी जिला अध्यक्ष हैं जिनमें राजनीतिक अनुभव की कमी दिखी है और इसका असर कामकाज पर पड़ा है, वे भी हटाए जाएंगे। कई जिला अध्यक्ष पिछले दो साल में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ समन्वय स्थापित करने में नाकाम रहे हैं। पार्टी के बड़े फैसलों में इन अध्यक्षों ने पूर्व विधायकों, पूर्व पदाधिकारियों की राय नहीं ली और मनमानी फैसले लिए। इसके कारण निकाय चुनाव में हार का सामना भी करना पड़ा। लिहाजा निकाय चुनाव की गलतियों से सबक लेते हुए बीजेपी अब विधानसभा चुनाव में कोई रिस्क लेना नहीं चाहती।

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