Dhirendra Shastri: ‘आग में घी डाल रहे हैं लोग’, प्रेमानंद और रामभद्राचार्य के बीच विवाद पर बागेश्वर महाराज ने तोड़ी चुप्पी, कहा- सनातन को मत बांटो

Dhirendra Shastri: ‘आग में घी डाल रहे हैं लोग', प्रेमानंद और रामभद्राचार्य के बीच विवाद पर बागेश्वर महाराज ने तोड़ी चुप्पी, कहा- सनातन को मत बांटो

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  • Publish Date - August 27, 2025 / 12:27 PM IST,
    Updated On - August 27, 2025 / 12:27 PM IST

Dhirendra Shastri/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • बागेश्वर धाम सरकार का बड़ा बयान,
  • “संतों पर टिप्पणी करना सनातन के लिए हानिकारक”
  • प्रेमानंद महाराज और रामभद्राचार्य जी दोनों ही वंदनीय,

भिवंडी: Mumabi News: बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में महाराष्ट्र के भिवंडी स्थित बागेश्वर सनातन मठ में गुरु दीक्षा कार्यक्रम के दौरान एक साक्षात्कार में देशभर में चल रही चर्चाओं पर पहली बार खुलकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने प्रेमानंद महाराज और जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को लेकर सोशल मीडिया पर हो रही बयानबाज़ी को सनातन धर्म के लिए नुकसानदायक बताया। Dhirendra Shastri

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Dhirendra Shastri:  बागेश्वर महाराज ने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया व मीडिया के माध्यम से जानबूझकर दो संतों के बीच मतभेद का प्रचार कर रहे हैं, जिससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने स्पष्ट किया की कुछ लोगों का काम ही है आग में घी डालना। दो साधुओं की चर्चा में कुछ लोग आनंद ले रहे हैं। मैंने खुद वह वीडियो देखा, और मुझे बहुत बुरा लगा कि लोग कितना गलत फैला रहे हैं। उन्होंने अपने गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी की तरफ से भी स्पष्टता दी कि वे साफगो हैं लेकिन उनके मन में किसी के लिए कोई द्वेष नहीं होता। गुरुदेव कह देते हैं लेकिन उनके मन में किसी के लिए ईर्ष्या नहीं है। उन्होंने स्वयं कहा है कि बाबा प्रेमानंद हमारे बालक बाध्य हैं, वे जब भी आएंगे, हम उन्हें गले लगाएंगे।

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Dhirendra Shastri:  बागेश्वर महाराज ने बाबा प्रेमानंद जी की भजन साधना की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने भजन के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को अध्यात्म से जोड़ा, वहीं रामभद्राचार्य जी ने अपने तप और बलिदान से राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रेमानंद महाराज ने भागती-दौड़ती, बिछड़ती पीढ़ी को भजन से जोड़ा। वहीं रामभद्राचार्य गुरुदेव ने सुप्रीम कोर्ट में खड़े होकर रामलला के पक्ष में बयान दिया और राम मंदिर के पक्ष में विजय दिलाई। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि भैया ये मीडिया का विषय नहीं है ये आदर का विषय है। दोनों संतों को लड़वाने से सनातन धर्म की हानि हो रही है। ऐसे विवादों से बचना चाहिए। हम सबको मिलकर धर्म को मजबूत करना चाहिए न कि उसे कमजोर।

बागेश्वर धाम सरकार विवाद में प्रेमानंद महाराज और रामभद्राचार्य जी के बीच क्या हुआ है?

उत्तर: सोशल मीडिया पर दोनों संतों के बीच कथित मतभेद फैलाए जा रहे हैं, लेकिन बागेश्वर महाराज ने स्पष्ट किया है कि उनके बीच कोई निजी विवाद नहीं है।

क्या बागेश्वर धाम सरकार विवाद के कारण सनातन धर्म को नुकसान हो रहा है?

उत्तर: जी हां, बागेश्वर महाराज के अनुसार, ऐसे विवाद धर्म को कमजोर करते हैं और समाज में भ्रम फैलाते हैं।

प्रेमानंद महाराज की क्या भूमिका रही है इस बागेश्वर धाम सरकार विवाद में?

उत्तर: प्रेमानंद महाराज पर कोई टिप्पणी नहीं आई है, बल्कि उन्होंने भजनों के माध्यम से युवाओं को अध्यात्म से जोड़ा है।

क्या रामभद्राचार्य जी ने प्रेमानंद महाराज के खिलाफ कुछ कहा है?

उत्तर: रामभद्राचार्य जी स्पष्ट वक्ता हैं, लेकिन उनके मन में प्रेमानंद जी के लिए कोई द्वेष नहीं है। वे उन्हें अपना बालक मानते हैं।

बागेश्वर धाम सरकार विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

उत्तर: बागेश्वर महाराज ने स्वयं सामने आकर सभी से शांति बनाए रखने और संतों का सम्मान करने की अपील की है।