भोपालः MP News राहुल का दुग्धाभिषेक …आदर या अतिरेक? य़े सवाल इसलिए क्योंकि राहुल गांधी के जन्मदिन पर दूध से उनकी तस्वीरों का कांग्रेसी अभिषेक करते नजर आए। इन तस्वीरों ने बीजेपी को हमला करने का मौका दे दिया। किसी ने कहा कि विशुद्ध चमचागिरी तो किसी ने इसे दूध की बरबादी करार दिया और यहां तक कहते दिखे कि ये गौपालकों की मेहनत का अपमान है। यानी जितनी जुबान तनी बातें..और सियासत धुआंधार हो रही है। मौका ए शोर-शराबा में कुछ सवाल जो खड़े हो रहे हैं वो ये है कि क्या वाकई ये खुशामद करने की पराकाष्ठा है या फिर हिंदुत्व के प्रतीक के जरिए कांग्रेसी स्वयं के अपने नेता के सनातनी होने की घोषणा कर रहे हैं?
MP News कांग्रेस के सबसे बड़े पोस्टर बॉय राहुल गांधी के जन्मदिन के मौके पर कार्यकर्ताओं ने उनका दुग्धाभिषेक किया है। ठीक वैसे ही जैसे देवों के देव महादेव का दूध से अभिषेक किया जाता है। कांग्रेस कार्यकर्ता ये दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी ही आज की तारीख में देश के असल सामाजिक न्याय के योद्धा हैं। कांग्रेस नेता वजह बता रहे हैं कि राहुल गांधी ने ही देश में सबसे पहले जातिगत जनगणना के मुद्दे को उठाया और मोदी सरकार पर जातिगत जनगणना कराने का दबाव बनाया। खैर,राहुल गांधी का दुग्धाभिषेक बीजेपी को हजम नहीं हुआ। बीजेपी सरकार के मंत्री विश्वास सारंग कह रहे हैं कि राहुल गांधी नेहरु परिवार में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुआ हैं और कांग्रेस कार्यकर्ता चमचागिरी की सारी हदें पार कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने अहमदाबाद हवाई हादसे के मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए अपने जन्मदिन का जश्न नहीं मनाने का ऐलान किया है, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता मानने को तैयार नहीं है। जाहिर है राहुल गांधी का जन्मदिन फिर सियासत की वजह बना है। बीजेपी नेताओं के तीखे हमलों पर कांग्रेस नेता भी चुप नही है। मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि बीजेपी सरकार के मंत्रियों को राहुल गांधी पर बयान देने पहले अपनी गिरेबान में झांकना चाहिए। क्योंकि बीजेपी सरकार के ही मंत्री ये कहते हैं कि पूरी सेना मोदी जी के चरणों में नतमस्तक है। जाहिर है कांग्रेस की तरफ से ये कोशिश हो रही है कि जातिगत जनगणना के फैसले पर पूरा क्रेडिट राहुल गांधी को ही जाए, लेकिन बीजेपी नेता ये कहकर कांग्रेस का दावा खारिज कर रहे हैं कि कांग्रेस ने जितना जुल्म दलित आदिवासियों पर किया है उतना किसी पार्टी की सरकार ने नहीं किया है। फिलहाल एमपी में राहुल गांधी के जरिए दलित आदिवासी और पिछड़ी जातियों के वोट की सियासत जारी है।